CG News: राजनांदगांव . अविभाजित जिले में इस खरीफ सीजन में किसानों ने साढ़े 1200 करोड़ रुपए (💸💸) का कृषि ऋण लेकर धान व अन्य फसलों की बुआई की है, लेकिन अब समय पर यूरिया और डीएपी खाद नहीं मिलने से उनकी चिंता बढ़ रही है. बरसात के इस अहम दौर में खाद की कमी से फसल उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना को लेकिर किसान चिंतित हैं. कुछ किसानों को तो जरूरत से आधा या चौथाई ही खाद मिल रहा है, जिससे उनकी लागत और मेहनत पर पानी फिरने का खतरा है.

जिले की अधिकांश सहकारी समितियों में खरीफ सीजन की शुरुआत से डिमांड के अनुसार यूरिया-डीएपी खाद का भंडारण नहीं हो पाया है. सोसाइटियों में पर्याप्त खाद नहीं होने फायदा निजी दुकान संचालक उठा रहे. किसानों को 266.50 रुपए के यूरिया खाद को एक हजार रुपए में बेच रहे, तो 1350 रुपए प्रति बैग मिलने वाली डीएपी को दो हजार रुपए तक बेच रहे हैं.

रूक सकता है पौधों का विकास

किसानों का कहना है कि बोआई के बाद फसल को बढ़वार के लिए पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है, लेकिन समय पर खाद नहीं मिलने से पौधों का विकास रुक सकता है और उत्पादन घट सकता है. वहीं, जिला कृषि विभाग का कहना है कि खाद आपूर्ति के लिए लगातार उच्च अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है और जल्द ही स्थिति सामान्य करने का प्रयास हो रहा है.

पौने दो लाख हेक्टेयर में फसल

जिले के एक लाख 32 हजार किसान तकरीबन पौने दो लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल ले रहे हैं, जिसमें धान सहित अन्य दलहन-तिलहन की फसलें भी शामिल हैं. इसके लिए किसानों ने तकरीबन 1200 करोड़ रुपए का कर्ज सहकारी सोसाइटी व अन्य निजी बैंकों से ले रखे हैं. खरीफ सीजन के लिए मौमत अब तक अनुकुल है. बारिश भी समय-समय पर हो रही है, लेकिन किसानों को यूरिया-डीएपी समय नहीं मिल पा रही है, इससे उनकी चिंता बढ़ गई है. कृषि विभाग के डीडीए टीकम सिंह ठाकुर का कहना है कि किसानों को खाद उपलब्ध कराने टीम सक्रिय की गई है. निजी दुकानों पर नजर रख रहे हैं.

आस लगाए बैठे अन्नदाता

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आने वाले एक सप्ताह के भीतर खाद की आपूर्ति सुचारू नहीं हुई, तो जिले में फसल की पैदावार पर सीधा असर पड़ सकता है. किसान उमीद लगाए बैठे हैं कि सरकार और प्रशासन तुरंत इस समस्या का समाधान करेंगे.