प्रतीक चौहान. रायपुर. प्रदेश के किसान इस वर्ष रेड लेडी बीज की कमी के कारण ठगी का शिकार हो रहे है छत्तीसगढ़ में पपीता लगाने का समय मार्च से जून है एवं दिसंबर से मई तक किसानों में पपीता बीज की मांग रहती है जिसका बीज ताइवान की कम्पनी नॉन यू सीड द्वारा दिया जाता है.

चूंकि इस वर्ष बीज की कमी है, इसलिए इसका फायदा उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र एवं ऑनलाइन पोर्टल अमेज़ॉन में से नकली रेड लेडी बीज की बिक्री की जा रही है.

 कंपनी के दर से ऑन लाइन सस्ता

इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा ऐसे हो रहा है कि उक्त कंपनी का जो अधिकृत दर है उससे ऑन लाइन में ठग काफी कम दाम में बेच रहे है, जो किसानों के लिए गुमराह वाली बात है. चूंकि बीज प्रदेश में उपलब्ध नहीं है. इसलिए कम कीमत और बीज की अनुपलब्धता के कारण प्रदेश के किसान इस प्रकार के झांसे में आ रहे है. जिसकी जानकारी उन्हें फसल के उत्पादन के वक्त मालूम होती है और तब तक काफी देर हो गई होती है.

 कवर्धा के किसान हुए थे ठगी का शिकार

पिछले वर्ष कवर्धा जिले के अनेक किसान इस प्रकार की ठगी के शिकार हुए थे.  बड़ी बात यह है कि किसान को इस ठगी का पता 6 माह बाद चलता है. जब पौधे में नर फूल आने लगते है. क्योंकि रेड लेडी पपीते की वैराइटी में नर पौधे नहीं आते. विगत कुछ वर्षों से अधिक मुनाफा होने के कारण अनेक कृषकों द्वारा पपीते की खेती का रूजान बढ़ा है. इसका मुख्य कारण ये है कि छत्तीसगढ़ के पपीते की दिल्ली में अच्छी मांग है.

 सभी किसान भाइयों से अपील है कि रेड लेडी के बीज अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर से ही खरीदे. हमारी कंपनी ऑन लाइन प्लेटफार्म में बीज सप्लाई ही नहीं करती. पूरे प्रदेश में करीब 1 दर्जन अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी ने नियुक्त किए है.

वसंत पवार, एरिया इंचार्ज, नॉन यू सीड छत्तीसगढ़

 

इस वर्ष बीज की कमी है एवं मार्च माह में पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध रहेगा. किसान भाइयों को ऑनलाइन खरीदी से बचना चाहिए.

देवेंद्र कोठारी , मितुल इंटरप्राइजेस, रायपुर