रायपुर। वैक्सीनेशन पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 18 प्लस वैक्सीनेशन पर छत्तीसगढ़ सरकार की नीति शुरुआत से ही गलत थी. अलग-अलग काउंटर बनाए गए, इससे वैक्सीनेशन का काम स्लो हो गया. इस नीति पर हाईकोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था. वहीं राज्य सरकार ने वैक्सीनेशन का अधिकार मांगा था, केंद्र ने दिया, लेकिन बाद में हाथ खड़े कर दिया. अब देशभर में वैक्सीनेशन को लेकर एक ही नीति होगी. यह एक अच्छा कदम है.

अमर अग्रवाल ने कहा कि अगर हम 2021-22 का बजट देखे तो उस बजट में 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था. शुरूआती दौर में जब तक भारत सरकार के पास वैक्सीनेशन का कार्यक्रम रहा, तब तक बहुत ही अच्छे तरह से यह कार्यक्रम चल रहा था.

लेकिन जब राज्यों सरकारों ने लॉकडाउन का अधिकार मांगा, वैक्सीनेशन का अधिकार मांगा, तब केंद्र ने 18 से 45 आयु वर्ग तक वैक्सीन लगाने का अधिकार राज्यों को दिया था.

छत्तीसगढ़ के परिदृश्य में बात करें, तो गलत नीतियां बनी. हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया, अलग-अलग काउंटर बनाए गए, जिसके कारण वैक्सीनेशन का काम स्लो हुआ.

राज्य सरकार ने अवसर मांगा था, तब ही केंद्र ने अवसर दिया था. जब लगा कि वैक्सीनेशन के कार्यक्रम सुचारू नहीं चल रहा है, राज्यों ने भी हाथ खड़े कर दिया. तब प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीनेशन का काम केंद्र द्वारा लिए जाने की बात कहीं है.

आबादी के हिसाब से भारत सरकार तैयारी कर रही है. यह एक अच्छा कदम है. आने वाले समय में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम एक नीति से चलेगा. इससे सुविधा होगी. कोरोना से भी हम मुक्त हो जाएंगे. महामारी से देश निकल जाएगा.

छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में मुख्यमंत्री ने खुद ही मुफ्त वैक्सीनेशन की घोषणा की थी. फिर क्यों ये मांग की गई कि केंद्र द्वारा करना चाहिए. पिछले फेज में मुख्यमंत्री ने ही यह मांग की थी कि लॉकडाउन का अधिकार राज्यों को दिया जाए, इस बार जब केंद्र ने यह राज्यों को सौंपा, तब भूपेश बघेल का ही बयान सामने आया कि केंद्र ने सब कुछ राज्यों के भरोसे छोड़ दिया है. एक तरफ मांग करते हैं अधिकार मिलना चाहिए, लेकिन जब अधिकार दिया जाता है, तो उसका पालन नहीं कर पाते. दोनों ही बातें कैसे चल सकती हैं.

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