गौरव जैन, गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग के अंतर्गत गौरेला ब्लॉक के पकरिया अमरकंटक मार्ग में भ्रष्टाचार की नींव रखी जा रही है. कुल स्वीकृति लंबाई 14.55 किलोमीटर है. मार्ग की कुल स्वीकृत राशि 580.69 लाख रुपये है. इस मार्ग का निर्माण डी. सी. कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा कराया जा रहा है.

अपने प्रस्तावित समय के हिसाब से इस मार्ग को वर्तमान समय मे पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन कार्य अभी भी विलंब प्रगति पर है. पहाड़ी इलाके और दुर्गम क्षेत्र में निर्मित इस मार्ग का निर्माण सी.सी रोड सीमेंट से किया जा रहा है, जिसकी गुणवत्ता अत्यंत निम्न स्तर की है.

सबसे खास बात यह है कि इस मार्ग में बरसात के समय सबसे ज्यादा भूस्खलन होता है, जिसके लिए मार्ग में पहाड़ों के भसकने से होने वाले नुकसान से बचने के लिए स्टॉप वाल का निर्माण कराया जा रहा है. इस वाल में लगने वाले पत्थर जंगल मे मौजूद वन विभाग के पुल पुलिया और झरनों से पत्थरों को निकालकर इस स्टॉप वाल में लगा दिया जा रहा है.

ठेकेदार की मनमानी के चलते वन संपदा का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है. बिना किसी राजस्व विभाग की रॉयल्टी और न ही वन विभाग को बताए ठेकेदार के द्वारा पत्थर और रेत का इस्तेमाल अपने काम मे ले रहा है.

जब यह कार्य चल रहा है तो मौके पर PMGSY का कोई भी इंजीनियर यहां मौजूद नहीं रहता. PMGSY के EE मुरली यादव से जब इस संबंध में शिकायत की गयी तो उन्होंने ठेकेदार का ही पक्ष लेना ही उचित समझा. मुरली यादव को इस मार्ग से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी का न होना भी इनकी कार्यक्षमता प्रगट करती है.

उनका कहना है कि ठेकेदार कहीं से भी निर्माण सामग्री ले कर आए हमें उससे मतलब नहीं रहता है. मौके पर विभाग के किसी कर्मचारी का न होना भी जरूरी नहीं होता. इस प्रकारमार्ग के निर्माण में वन संपदा और वन्य सामग्री का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है जो की बहुत बड़े भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है.

साथ वन्य अधिनियम के तहत वन्य संपदा का बेजा इस्तेमाल नियमों का खुला उल्लंघन है. जिला प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित विभाग के कर्मचारी के ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही वन विभाग को ठेकेदार का सारा निर्माण सामग्री गाड़ियों को राजसात करने की कार्रवाई करना चाहिए.

बता दें कि जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही पर्यटन के रूप मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं विकसित कराया जा रहा है. यह मार्ग जिले के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल गौरेला दुर्गाधारा धर्म पानी होते हुए अमरकंटक से जुड़ता है. ऐसे में इस प्रकार भ्रष्टाचार को लेकर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत है.

लगभग 15 साल पूर्व में भी निर्मित इस मार्ग के ठेकेदार के ऊपर घटिया रोड निर्माण को लेकर तत्कालीन कलेक्टर सोनमणि वोरा ने भी कार्रवाई करते हुए पूरी रोड ही उखड़वा कर पुनः नई रोड बनाने का आदेश दिया था.