प्रदीप गुप्ता कवर्धा। कबीरधाम जिले के पांडातराई नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षदों के बीच आरोप प्रत्यारोप लगाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पांडातराई नगर पंचायत में नया मोड़ आ गया है. पार्षद बीते 9 साल से संचालित डिवाइन पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर नगर पंचायत अध्यक्ष फ़िरोज खान पर बड़ा आरोप लगा रहे हैं. साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की उचित जांच कर अजान शिक्षण समिति पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराने की शिकायत की है.

वहीं इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले भी जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन शिक्षा विभाग की सुस्त रवैया से मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. एक बार फिर नगरवासियों ने शिक्षा विभाग को शिकायत कर नींद से जगाने की कोशिश की है.

कोरोना काल के चलते लभगग दो साल बाद स्कूलों में इस वर्ष शिक्षा का नया सत्र प्रारंभ हो गया है, लेकिन इस बीच कवर्धा जिले में एक निजी स्कूल पर फर्जी तरीके से संचालित करने का आरोप लगाया जा रहा है, जो पिछले 9 साल से संचालित हो रहा है.

नगर पंचायत पांडातराई के पार्षदों ने अपने ही अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए बताया कि डिवाइन पब्लिक स्कूल का डायरेक्टर स्वयं नगर पंचायत अध्यक्ष हैं. यह भवन शासकीय जमीन पर बनाया गया है. पार्षदों ने बताया कि स्कूल भवन के लिए किरायादाता भूमि स्वामी के द्वारा धोखाधड़ी करते हुए शासन को गलत जानकारी देकर आर्थिक लाभ लिया जा रहा है.

शासकीय रिकॉर्ड के मुताबिक यह आरोप लगाया जा रहा है कि स्कूल भवन जिस जमीन पर है. वह कोटवारी जमीन है. इसके अलावा नक्शे पर किरायादाता का भवन नहीं, बल्कि कृषि भूमि है और यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी के माध्यम से हुआ है.

पार्षदों ने स्कूल की मान्यता रद्द कर डायरेक्टर के खिलाफ कारवाई की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर को आवेदन दिए हैं. साथ ही जिला मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया है.

वहीं पांडातराई नगर पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि हाल डिवाइन पब्लिक स्कूल का मैं डायरेक्टर नहीं हूं न मेरे नाम से संचालित हो रहा है. मैं स्कूल का डायरेक्टर नहीं हूं, जबकि फारुख खान के नाम से है. मैं स्कूल समिति का सदस्य हूं. इन पार्षदों को कांग्रेस पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित किया है, जिसके कारण बदले की राजनीति कर रहे हैं. इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय से बात करने की कोशिश की, लेकिन फोन उठाना मुनासिफ नहीं समझा.