सत्यपाल राजपूत. रायपुर. हमर लैब योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग ने जरूरतमंदों को 90 से अधिक जांच का लाभ देने का वादा किया था. विभाग की तरफ से 113 जांच का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन हमर लैब में अब तक आधी से ज्यादा जांचें शुरू नहों हो पाई है.

स्थिति  ये है कि जरूरतमंदों को महज 54  टेस्ट के लाभ मिल पा रहे है. बता दें कि हमर लैब का शुभारंभ रायपुर जिला अस्पताल में शुरू किया गया था. यहां करीब 59 प्रकार के टेस्ट अभी नहीं हो पा रहे है.

मैन पावर की कमी

जिला अस्पताल के जिम्मेदारों के मुताबिक वर्तमान समय में लैब भारी मैन पावर की कमी है. जानकार बताते है कि मशीन जो लगा थे वो भी कंडम स्थिति में पहुंच रहे है. इसके अलावा सैंपल टेस्ट करने के लिए जो केमिकल इस्तेमाल होते है उसकी भी कमी है.

लैब में मशीन नहीं,

मशीनों के बैगर कोई भी बीमारी की जांच संभव नहीं. लैब में कई गंभीर बीमारियों की जांच संबंधी मशीने ही अभी उपलब्ध नहीं है.

जाने कितने पद है रिक्त

लैब तो जिला अस्पताल में शुरू कर दिया गया है. लेकिन विभाग के लक्ष्य के अनुरूप निर्धारित सैंपल टेस्ट के लिए लगभग 30 से 40 कर्मचारी होने चाहिए थे. जिम्मेदार अधिकारियों के मुताबिक पैथोलॉजी विभाग में  6 लैब टेक्नीशियन, 2 लैब अटेंडर, 2 लैब असीस्टेंड, 2 डाटा एंट्री ऑपरेटर, 3 चतुर्थ वर्ग कर्मचारी होने चाहिए जो नहीं है. वहीं माईक्रोबायोलॉजी विभाग में 8 लैब टेक्नीशियन, 2 लैब अटेंडर, 2 लैब असीस्टेंड, 2 सफाई कर्मी के पद खाली है.

इन बीमारियों का नहीं हो रहा टेस्ट

 

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  • ट्यूमर मार्कर- कैंसर से संबंधित लैब में 12 प्रकार के टेस्ट होने थे. लेकिन एक भी टेस्ट जांच अभी यहां नहीं हो रहा है. बता दें कि इसके टेस्ट काफी महंगे होते है.
  • हार्मोन्स- हार्मोन्स के जुड़ी बीमारियों की 12 अलग-अलग टेस्ट यहां होनी थी, लेकिन एक भी जांच अभी शुरू नहीं हुई है.
  • इम्यूनोलॉजी इल्स- इसमें 7 प्रकार अलग-अलग टेस्ट होनी थी. जो अब तक शुरू नहीं हुई है.
  • बेक्टीरियोलॉजी- इसमें 10 तरह की जांच होनी थी. जो अब तक शुरू नहीं हुई है.
  • क्लिनिकल हिमोटोलॉजी- तीन तरह की जांच प्रावधान है लेकिन एक भी शुरू नहीं हुई है.
  • Coa Gulation disorder- इसमें भी तीन तहर के टेस्ट होना थी, जो मशीन न होने की वजह से शुरू नहीं हुई है.

जाने क्या कहा अधीक्षक ने 

जिला अस्पताल अधीक्षक पीके गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र पूरा फ़ोकस कोरोना से लड़ने में था. इसलिए थोड़ी अव्यवस्था है. जो मशीने ख़राब है उनको ठीक करने के लिए भेजा गया है, केमिकल जो नहीं है उनके लिए आवेदन भेज दिया गया है. मैनपावर के लिए उच्चाधिकारियों को आवेदन भेजा गया है ताकि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार यहां अलग अलग जांच शुरू की जा सके. फ़िलहाल लैब में 50  तरह का जांच जारी है. जैसे ही मशीनों मैनपावर मिल जाएगा 130  तरह की अलग अलग जांच शुरू कर दी जाएगी.