बीजापुर। करका गांव में गाय चराने गए चार ग्रामीणों को नक्सली बताकर पुलिस ने फायरिंग की थी, जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई थी. इसे फर्जी एनकाउंटर बताते हुए मृतक की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है.

हाईकोर्ट ने 4 सप्ताह में मांगा जवाब

दरअसल, बीजापुर जिले के करका गांव में चार ग्रामीण गाय चराने गए थे. इस दौरान पुलिस ने उनके नक्सली होने का आरोप लगाकर फायरिंग शुरू कर दी. इसे कथित रूप से नक्सली मुठभेड़ का नाम दिया गया. इस हमले में पुलिस की फायरिंग से समारू मड़कम नाम के ग्रामीण की मौत हो गई. फायरिंग में एक अन्य ग्रामीण की पैर में गोली लगी, जबकि दो ग्रामीण पुलिस के डर से भाग गए, जिसकी पैर में गोली लगी और घायल हुआ उसे पुलिस ने छोड़ दिया.

फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

वहीं दो अन्य ग्रामीणों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि मृतक समारू को नक्सली बताकर एनकाउंटर का नाम दिया गया. इस मामले में समारू की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में फर्जी एनकाउंटर के दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है.

साथ ही इसकी सीबीआई जांच की मांग की है. हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य शासन को मामले से संबंधित केस डायरी चार सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

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