जशपुर. जिले के वन मंडल क्षेत्र में लाखों रूपये के कीमती हरेभरे पेड़ों की दिनदहाड़े अवैध कटाई के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. आज फिर वन अधिकारी की अनदेखी करने से ग्रामीणों ने इमारती लकड़ियों का बड़ा जखिरा सहित वन माफिया के दो सदस्यों को पुलिस के हवाले किया है. इससे पहले लुड़ेग सागौन जंगल में भी पुलिस ने ही वन माफिया के बड़े गिरोह से 6 ट्रैक्टर लकड़ी और एक जेसीबी मशीन को जब्त किया था.

इस बार दुलदुला वन परिक्षेत्र में वन कर्मचारियों के साथ वनमाफिया की भंडाफोड़ किया गया है. दुलदुला रेंज में भी वन माफिया लंबे समय से सक्रिय हैं और बड़ी मात्रा में बेशकीमती लकड़ी की तस्करी का काम जारी है. जिसका खुलासा कुनकुरी थाना प्रभारी एलआर चौहान की कार्रवाई से हुआ है.

थाना प्रभारी ने बताया की पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है. इसी दौरान बीती रात मुखबिर से सूचना मिली कि दुलदुला की ओर से एक पिकप में लकड़ी लोड करके दो तस्कर कुनकुरी की ओर आ रहे हैं. जिस पर संदिग्ध पिकप CG 14 D 0689 को रोकवाकर तलाशी ली गई. इस दौरान उसमें बड़ी संख्या में साल (सरई) वृक्ष के चिरान मिले. पुलिस ने तस्करों से पूछताछ की. जिसमें पिकप चालक ने अपना नाम अजय मिंज निवासी बंदरचुंवा और साथी ने सुरेंद्र राम निवासी घुईडाँड़ बताया. जिसे पकड़कर वन विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए सौंपा गया.

इस मामले में कुनकुरी रेंजर आशा लकड़ा ने बताया कि चूंकि लकड़ी की तस्करी दुलदुला रेंज के इलाके से हो रही थी. इसलिए इस प्रकरण पर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. अभी कुनकुरी थाने से दो युवकों को अवैध चिरान से भरी पिकप समेत हिरासत में लिया गया है. दुलदुला रेंजर को इसकी सूचना भेज दी गयी है.

लकड़ियों की हो रही तस्करी, क्या कर रहा वन विभाग?

अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जंगल की रक्षा करने वाले खाकी वर्दीधारी आखिर कर क्या रहे हैं? इतनी बड़ी संख्या में अवैध चिरान की तस्करी आखिर कहां हो रही थी? दो दिन पहले पत्थलगांव में वनकर्मियों को ही ग्रामीणों ने लकड़ी की तस्करी कराने में मदद करते रंगे हाथों पकड़ा था. जिसपर कार्रवाई हुई और दो वनकर्मी सस्पेंड भी हुए. इस तस्करी में भी कहीं वनकर्मी शामिल तो नहीं? ऐसे कई अनुत्तरित सवाल हैं जिनका जवाब वन विभाग के आला अधिकारी शायद ही दे पाएंगे.