रायपुर। आईएमए के प्रतिनिधियों ने आज स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की. यह मुलाकात स्वास्थ्य विभाग सभी उच्च अधिकारी की मौजूदगी में न्यू सर्किट हाउस स्थित कमांड सेंटर में हुई. डेढ़ घंटे चली इस मीटिंग में राज्य के स्वास्थ्य से संबंधित कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई. निजी क्षेत्र के अस्पतालों को होने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों से अवगत कराया गया.

मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस और स्नातकोत्तर ग्रामीण चिकित्सा सेवा के बांड के बारे में भी चर्चा हुई. जिसमें कुछ भ्रम और विरोधाभासों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया गया. उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से अलग से मिलकर चर्चा कर समाधान निकालने की बात कही. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने खुद यह बात दोहराया कि कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र बनाए जाने के दौरान पूरे प्रदेश से छोटे निजी अस्पतालों की बिना वजह की परेशानी से उन्हें अवगत कराया गया था. उसे दूर करने के लिए वह कृत संकल्पित है.

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उन्होंने यह जानकारी भी दी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैबिनेट की मीटिंग में भी नर्सिंग होम एक्ट की कठिनाइयों को दूर करने के लिए मंत्रिमंडल में चर्चा की थी. स्वास्थ्य विभाग के सक्षम अधिकारियों से लगातार बातचीत से सहमति वाले बिंदुओं पर चर्चा कर बात आगे बढ़ाई जानी चाहिए. उन्होंने राज्य में यूनिवर्सल हेल्थ केयर के अपने संकल्प को दोहराया, लेकिन यह भी बताया कि उचित बजट की व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रगति नहीं हो रही है.

झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान संक्रमित मरीजों के इलाज से कोरोना संक्रमण फैलने पर कार्रवाई के संबंध में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा निजी चिकित्सकों द्वारा देरी से मरीज अस्पतालों में भेजे जाने के बयान पर उन्होंने कहा कि यह सभी चिकित्सकों के लिए नहीं था. लेकिन कुछ चिकित्सक ठीक काम नहीं कर रहे हैं. आईएमए ने उन्हें पुनः विश्वास दिलाया कि संस्था ऐसे किसी भी व्यक्ति या संस्था के पक्ष में नहीं खड़ी होती है. कोविड चिन्हित अस्पतालों में कोविड के इलाज के लिए तय दरों को पुनः निर्धारण करने के लिए मांग पत्र भी सौंपा गया.

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आईएमए को भी अन्य राज्यों और इस प्रकार की अन्य संस्थाओं जैसे बार कौंसिल, प्रेस कौंसिल के समान स्वतंत्र रूप प्रदान किये जाने की माँग को फिर से दोहराया गया. आईएमए प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री से यह भी अनुरोध किया गया कि उन्हें निजी और सरकारी संस्थाओं को समतुल्य और पालक जैसी दृष्टि से देखना चाहिए और जहां भी सुधार या परिवर्तन की आवश्यकता है, उसके लिए दोनों क्षेत्रों को एक अच्छे प्रतिस्पर्धी और पूरक के रूप में काम करना चाहिए.

दोनों पक्षों की ओर से अपनी अपनी परेशानियों को बातचीत के माध्यम से सुलझाने की बात कही गई. प्रतिनिधिमंडल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा. डॉ. ललित शाह, डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. अनिल जैन, डॉ. विकास अग्रवाल और डॉ. आशा जैन शामिल थे.