कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की बेटी योगिता मंडावी ने अपनी मेहनत और जज्बे से इतिहास रच दिया है. योगिता को जूडो के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 26 दिसंबर 2025 को राष्ट्रपति के हाथों प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. कुमारी योगिता मंडावी छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बालिका गृह कोंडागांव की बालिका है. सीएम विष्णु देव साय ने योगिता मंडावी की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है

सीएम साय ने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चों की सफलता से नई पीढ़ी को आगे बढ़ने और अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा मिलती है. योगिता की उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है, बल्कि बालिका गृह एवं बाल कल्याण संस्थाओं में रह रहे बच्चों के लिए प्रेरणा का सशक्त स्रोत भी है. उन्होंने यह साबित किया है कि संसाधनों की सीमाएँ नहीं, बल्कि सपनों के प्रति लगन और परिश्रम ही सफलता का वास्तविक आधार है.

4 वर्ष में आयु में माता-पिता का छिना साया

बता दें, यह सम्मान योगिता को राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बेहतर प्रदर्शन और कम उम्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रदान किया गया है. योगिता का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. महज चार वर्ष की उम्र में माता-पिता के निधन के बाद उनकी परवरिश बालिका गृह कोंडागांव में हुई. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद योगिता ने अपनी मेहनत और लगन से 13 वर्ष की आयु में राज्य स्तर पर श्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाई और 14 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना शुरू कर दिया. जूडो में उनके निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए उनका चयन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए किया गया.

बालिका गृह कोंडागांव की अधीक्षिका मणि शर्मा ने इसे संस्थान के लिए गौरव का क्षण बताया. उन्होंने कहा कि योगिता ने ऐसा कार्य कर दिखाया है, जिस पर सभी को गर्व है. दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त करना किसी सपने से कम नहीं था और इस उपलब्धि की वह स्वयं भी साक्षी बनीं.

वहीं जिला कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने योगिता मंडावी को जिले का गौरव बताते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों में इतनी कम उम्र में इतना बड़ा सम्मान हासिल करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. योगिता ने न सिर्फ जिले और प्रदेश, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है.