देश में प्रकृति और जीव जंतुओं के प्रति लोगों का नजदीकी रिश्ता है. यह विषय लोगों की भावना से भी जुड़ा हुआ है. आमतौर पर सर्प प्रजाति के स्वभाव के कारण लोग उनसे खौफ खाते हैं. लेकिन कई मौके ऐसे भी आते हैं. जब इन जीव जंतुओं की पूजा भी होती है. मौका अगर महाशिवरात्रि का हो और नाग प्रकट हो जाए, तो माहौल ही अलग बन जाता है.
मनोज यादव,कोरबा। महाशिवरात्रि पर नकटीखार गांव के एक मकान में अंडों के साथ नाग-नागिन का जोड़ा देखा गया. इसे शुभ मानकर लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई. ग्रामीण पूजा अर्चना कर नाग-नागिन के जोड़ों की विदाई की. इसके साथ ही अंडों को भी जंगल में छोड़ दिया.
यहां निकला था नग-नागिन
कोरबा जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर आदिवासी बाहुल्य ग्राम नकटीखार में ऐसा ही हुआ. यहां पूजा पाठ के मामले में अग्रणी रहने वाले जनपद पंचायत के पूर्व सदस्य घनश्याम उरांव के घर की सफाई की जा रही थी, तभी एक कमरे में नाग नागिन का जोड़ा नजर आया.
ग्रामीणों ने की पूजा अर्चना
फिर क्या था. महाशिवरात्रि के पर्व पर ग्रामीण नाग-नागिन की पूजा अर्चना करने लगे. इसके बाद नाग-नागिन को मौके से सुरक्षित बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इस घटनाक्रम के दौरान किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. घनश्याम ने बताया कि यहां पर 25 से अधिक अंडे मिले है, जिन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया है.
अक्सर निकलते रहते हैं सांप
किसी खास अवसर पर ऐसे जीव जंतुओं को देखे जाने को लेकर लोग मानते हैं कि यह चमत्कार का हिस्सा है. यह बात अलग है कि कोरबा जिले में सर्पों की कई प्रजातियां मौजूद हैं. बीते वर्षों में बड़ी संख्या में ऐसे सर्प यहां निकले, जिन्हें फिर से जंगल में छोड़ दिया गया है.