सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में लाखों कोरोना वैक्सीन स्टॉक में पड़े हैं लेकिन 18 प्लस वैक्सीनेशन बंद पड़ा है. क्योंकि इसे सिर्फ 45 वर्ष से अधिक लोगों को लगाना है. इस वर्ग के लोग डर के चलते टीका लगाने में आगे नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण टीका स्टॉक में पड़ा है. वहीं दूसरी तरफ़ टीका नहीं होने के कारण 18+ वैक्सीनेशन सेंटर बंद कर दिया गया है. प्रदेश में एक करोड़ 30 लाख का लक्ष्य है, लेकिन महज़ 7 लाख लोगों को ही टीका लग पाया है. लाखों लोग रजिस्ट्रेशन कराके अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं. टीकाकरण आवंटन नियम अभियान में अवरोध बना हुआ है.

नियम के चलते इस्तेमाल नहीं कर सकते- मंत्री सिंहदेव

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि एक ओर जहां टीका लगवाने के लिए लंबी लाइन है वहां टीका नहीं है. जिस वर्ग में टीका लगवाने के लिए बहुत कम लोग है उस वर्ग के लिए 11 लाख से ज़्यादा टीका स्टॉक में हैं और लगातार केंद्र सरकार इस वर्ग के लिए टीका भेज रहा है. वहीं 18+ टीकाकरण बंद पड़ा है क्योंकि इस वर्ग के लिए टीका नहीं है. इस वर्ग में लाखों लोग टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं जो प्रदेश में टीका है उसको 18 प्लस वर्ग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि नियम बना ही ऐसा है.

वहीं हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता और IMA के अध्यक्ष डॉक्टर महेश सिन्हा ने कहा कि नियम में बदलाव करने की ज़रूरत है यह सिर्फ़ छत्तीसगढ़ के हालात नहीं बल्कि पूरे देश में यही हालात है जहां ज़रूरत है उस वर्ग के लिए आपूर्ति नही है. केंद्र सरकार संज्ञान लेकर नियम में बदलाव करने की ज़रूरत है.

वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है जितना जल्दी हो सके युवा वर्ग को टीका लगाना चाहिए जो प्रदेश में स्टॉक में टीका है. उसका उपयोग 18 प्लास टीकाकरण के लिए करना चाहिए जब इस वर्ग का टीका आ जाएगा तो लिए टीका 45 प्लस को वापस कर देना चाहिए. इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेना पड़े तो राज्य को इसके लिए बहाल करना चाहिए कि इससे राज्य का हित है. पहले भी टीकाकरण नियम में कई बदलाव किए गए हैं जो फ़ायदेमंद साबित हुआ है. इस नियम में भी बदलाव करने से टीकाकरण को गति मिलेगी और युवा वर्ग को टीका लगेगा.

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