रायपुर। उत्तर प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद आज भाजपा में शामिल हो गए हैं. इसी बीच छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बहुत से लोगों की अंतरात्मा जाग रही है. छत्तीसगढ़ में भी ढाई साल में बहुत से नेता असंतुष्ट हैं.

कौशिक ने कहा कि विधायकों की लगातार बैठकें हो रही है. यहां भी लोगों की अंतरात्मा जाग सकती है. छत्तीसगढ़ के कुछ नेता भी संपर्क में है, लेकिन नाम का खुलासा नहीं करूंगा.

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस बयान का पलटवार किया है. रविन्द्र चौबे ने कहा कि ये मुंगेरी लाल के हसीन सपने है. छत्तीसगढ़ में ना ही ऐसी परिस्थिति बनने वाली है, ना एक भी कांग्रेसी उनकी डूबती नैया में सवार होने वाला है. छत्तीसगढ़ में एक अदना सा कार्यकर्ता भी ऐसी कल्पना नहीं कर सकता. बेचारे भाजपाई एक कोने में सिमट गए है. जो योजनाएं चल रही हैं, उसमें भाजपा को अपने भविष्य की चिंता करनी चाहिए.

जितिन प्रसाद यूपीए सरकार में थे केंद्रीय मंत्री

जितिन प्रसाद कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव की भूमिका निभा चुके हैं. यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं. इसके पहले राहुल के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कमल का दामन थाम लिया था. जितिन का शाहजहांपुर, ललितपुर और आसपास के इलाके में उनका आंशिक प्रभाव है. वे वहां भाजपा को लाभ पहुंचा सकते हैं. उत्तर प्रदेश में 14 फीसदी आबादी वाले वोटर ब्राह्मण भाजपा से नाराज हैं. यही कारण है कि ब्राह्मणों की नाराजगी को कम करने के लिए भाजपा उन्हें अपने साथ लाना चाहती है.

जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वहां कोई करिश्मा नहीं दिखा सके. उनके नेतृत्व में पार्टी की सीटें न केवल शून्य हो गईं, कांग्रेस के वोट प्रतिशत में भी लगभग 10 फीसदी की रिकॉर्ड कमी हुई थी. वहीं जी-23 के नेताओं का पत्र मीडिया की सुर्खियां बन गया था. कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं ने पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में चुनाव कराए जाने की मांग की थी. नेताओं में भी जितिन प्रसाद शामिल थे और इस पत्र पर उन्होंने भी हस्ताक्षर किया था.

पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता थे

जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद भी कांग्रेस के दिग्गज नेता हुआ करते थे. इंदिरा गांधी के समय उनके पिता जितेन्द्र प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी के एक वफादार नेता के रूप में काम किया था. जितेंद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद सोनिया गांधी ने जितिन पर पूरा भरोसा किया और उन्हें पार्टी व सरकार में अहम पद भी दिए गए.

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