रायपुर। हम महात्मा गांधी के अनुयायी हैं, और हम उन्हें राष्ट्रपिता मानते आ रहे हैं. और हमेशा मानते रहेंगे. लेकिन उनके लिए दिए विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देने से कोई फायदा नहीं है, क्योंकि जिनको जो बोलना था वो बोलकर जा चुके हैं. एफआईआर या निंदा करने से भी अब वो शब्द वापस नहीं आने वाले. यह बात नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने धर्म संसद में कालीचरण महाराज से उत्पन्न विवाद को लेकर कही.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि रायपुर में जो धर्म संसद बुलाई गई, उस पर किसी का नियंत्रण नहीं था. वैसे भी साधु-संत आकर अपने मन की ही बात करते हैं. ऐसे कार्यक्रम में आयोजन समिति को विषय वस्तु का निर्धारण कर लेना चाहिए कि वहाँ किस विषय में चर्चा होनी है, नहीं तो साधु-संत अपने मन की भावना व्यक्त करते हैं. ऐसे कार्यक्रमों में यदि किसी को बुलाया गया है तो उनके गलत बयान देने पर उन्हें तुरंत रोका जाना चाहिये या फिर आजादी के साथ उन्हें अपनी बात रखने देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आयोजन में किन्हें बुलाना है, किन्हें नहीं बुलाना, आयोजन समिति को यह पहले ही तय कर लेना चाहिए. इससे कार्यक्रम में सफलता मिलेगी. इस धर्म संसद में जो भी हुआ उस विषय पर आयोजन समिति को विचार करना चाहिए, और यह कोशिश करनी चाहिए कि भविष्य में न किसी अतिथि की और न आयोजक समिति की भावना आहत हो.