रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी द्वारा कनिष्ठ से सहायक अभियंता के पद पर विभागीय पदोन्नति का कोटा 70 प्रतिशत से घटाकर 40 फीसदी किए जाने से पत्रोपाधि अभियंता भड़क गए हैं. कंपनी प्रबंधन के निर्णय के खिलाफ और विभागीय पदोन्नति का कोटा पूर्ववत रखने की मांग को लेकर पत्रोपाधि अभियंता 2 सितंबर को कंपनी मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करेंगे.

पावर जनरेशन कंपनी में कनिष्ठ से सहायक अभियंता के पदों पर भर्ती का कोटा तय किया गया है. जिसके अनुसार विभागीय पदोन्नति से भर्ती का कोटा 70 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रश कर दिया गया है. इसी तरह विभागीय सीधी भर्ती का कोटा पूर्ववत 10 फीसदी तथा खुली सीधी भर्ती के कोटे को 20 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है. अब वितरण कंपनी में भी यही कोटा लागू करने की तैयारी चल रही है. कंपनी प्रबंधन द्वारा विभागीय पदोन्नति का कोटा घटाने का छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल पत्रोपाधि अभियंता संघ ने कड़ा विरोध किया है. संघ के प्रांतीय महासचिव ने बताया कि पदोन्नति के कोटे में कटौती किए जाने की विरोध में पत्रोपाधि अभियंता 2 सितंबर को शाम 5 बजे कंपनी मुख्यालय के गेट के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसकी सूचना कंपनी प्रबंधन को दे दी गई है. संघ द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि ज्यादातर कनिष्ठ अभियंता सहायक अभियंता का उच्च वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं. तत्काल पदोन्नति से कंपनी पर किसी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं आएगा. सहायक अभियंता के पद पर नई भर्ती से वेतन और भत्ते की वजह से आर्थिक बोझ आएगा. सहायक अभियंता के पद पर खुली भर्ती का कोटा बढ़ाने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे. सहायक अभियंता पद पर भर्ती में दूसरे राज्यों से भी प्रतियोगी शामिल होंगे.
संघ के महासचिव के मुताबिक कनिष्ठ अभियंता के पद हेतु डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त अभियंता दोनों को प्रतियोगिता की अनुमति होती है परंतु सहायक अभियंता के लिए परीक्षा में सम्मिलित होने डिग्री आवश्यक है. जिससे डिप्लोमा प्राप्त अभियंताओं के रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं. कंपनी के डिप्लोमा प्राप्त अभियंता पदोन्नति लेते हुए अधीक्षण अभियंता के पद तक पहुंचते हैं. जिसे आधार बनाकर कंपनी प्रबंधन द्वारा गलत व्याख्या की जा रही है कि कनिष्ठ अभियंता आगे चलकर मुख्य अभियंता नहीं बन पाएंगे, जिससे प्रबंधन को समस्या होगी.