अमित पांडेय, खैरागढ़. जिले के मानपुर थाना गंडई के परिवहन चेकपोस्ट पर ड्यूटी कर रहे सुरक्षाकर्मी चिरजिवेन्द्र नेताम की हत्या के मामले में न्यायालय ने दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश मोहिनी कंवर ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि सुरक्षाकर्मियों और लोक सेवकों पर हमला किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

पूरा मामला 10 मार्च 2023 की रात का है। रात करीब 11 बजे आरोपी ज्वाला उर्फ फतेह यदु (30 वर्ष) बोलेरो वाहन क्रमांक सीजी 10 एफ 6921 से मानपुर चेकपोस्ट पहुंचा और वहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों से गाली-गलौज व अभद्रता करने लगा। मना करने पर वह धमकी देकर वहां से चला गया। कुछ देर बाद वह अपने साथी केवल साहू (25 वर्ष) के साथ लौटा और जान से मारने की नीयत से बोलेरो को रिवर्स कर सुरक्षाकर्मी चिरजिवेन्द्र नेताम को टक्कर मार दी। टक्कर से गंभीर रूप से घायल नेताम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

घटना के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल शर्मा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को बोलेरो वाहन सहित गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था। शुरू में मामला हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ था, लेकिन चिरजिवेन्द्र की मौत के बाद इसे हत्या की धारा 302 में परिवर्तित किया गया।

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक ज्ञान दास बंजारे ने सशक्त पैरवी की। उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर न्यायालय ने दोनों आरोपियों ज्वाला उर्फ फतेह यदु और केवल साहू को धारा 302 भादवि के तहत आजीवन सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही धारा 186, 294, 506(बी) और 323 भादवि के अंतर्गत भी उन्हें कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई गई। यह फैसला न केवल सुरक्षाकर्मी की हत्या के प्रकरण में न्याय सुनिश्चित करता है, बल्कि यह भी स्पष्ट संदेश देता है कि कानून के खिलाफ जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।