प्रतीक चौहान. रायपुर. न्यायधानी यानी बिलासपुर की बेटी आन्या श्रीवास जिंदगी और मौत से लड़ रही है. नन्ही बेटी को लीवर की वो गंभीर बीमारी है, जो अब तक देश में सिर्फ 14 लोगों को हुई है. ये एक प्रकार का लीवर सोरोसिस है, जो अलग तरीके का जेनेटिक है. अपनी बेटी की इस गंभीर बीमारी के कारण पिता ने लोगों से आन्या के जल्द स्वस्थ्य होने को लेकर घर में उनके नाम का दिया जलाकर दुआ मांगने की अपील की है.

आन्या का इलाज मोवा के श्री बालाजी हॉस्पिटल में चल रहा है. नन्ही आन्या को डॉ देवेंद्र नायक ने हैदराबाद के एआईजी हॉस्पिटल रिफर कर वहां डॉ रेड्डी से कुछ टेस्ट की सलाह दी थी और उनकी टीम ने ही वहां अस्पताल से इलाज के लिए पूरा लाइन-अप किया है. आन्या के पिता रितेश श्रीवास कहते है कि बेटी की तबीयत काफी खराब है.

उसे डॉक्टरों ने लीवर ट्रांस्प्लांट करने की सलाह दी है. वे बिलासपुर के सरजू बगीचा स्थित स्टाइलिश जेंट्स सेलून में काम करते है. आन्या जब 2 साल की हुई तो उसे बुखार आया और तब पता चला कि उसके लीवर में सूजन है.

उसे कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती किया गया, ऐसा ही फिर 6 महीने बाद पुनः हुआ. तब विस्तृत जांच बिलासपुर में हुई तो पता चला कि वे लीवर की गंभीर बीमारी से ग्रस्ति है. इसके बाद कुछ टेस्ट के लिए उसे एम्स रायपुर भेजा गया.

लेकिन यहां भी पैसे के अभाव में उसका इलाज नहीं हुआ और उन्हें एम्स हैदराबाद या एम्स अहमदाबाद जाने की सलाह दी गई. जिसके बाद वे हेल्पिंग हेंड्स के संपर्क में आए और उन्होंने मासूम के इलाज में टेस्ट और बाकी जरूरी चीजों के लिए कुछ दोस्तों से मिलकर मदद मांगी.

वे हेल्पिंग हेंड्स की मदद से ही सोमवार को हैदराबाद के लिए रवाना हुए है, जहां कुछ और टेस्ट के बाद उसकी बीमारी के संबंध में और जानकारी मिलेगी. हालांकि डॉक्टरों ने लीवर ट्रांस्प्लांट करने की सलाह पहले दे दी है. यही कारण है कि पिता ने मासूम आन्या के लिए दीया जलाकर दुआ मांगने की अपील की है.