ललित (14),‎ महेश (13), , अशोक‎ (15) , इंद्रलोक (13)‎ ,रवि (12) ये वो 5 दोस्त है, जो  आम बीनने गए थे. लेकिन उन्हें ये भारी पड़ गया और आम‎ बीनते समय आकाशीय बिजली गिरने‎ से बच्चे बेहोश हो गए. लेकिन उन्हें ये भारी पड़ गया और आम‎ बीनते समय आकाशीय बिजली गिरने‎ से बच्चे बेहोश हो गए.

 पूरा मामला बैकुंठपुर‎ का है. मंगलवार को हुई आंधी बारिश के दौरान ये पांचों बच्चे‎ आकाशीय बिजली के चपेट में‎ आकर बेहोश हो गए. पांचों बच्चों को‎ बेहाशी की हालत में जिला अस्पताल‎ में भर्ती कराया गया है. हालांकि‎ डॉक्टर बता रहे हैं कि बिजली ने‎ बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचाया है.‎ बच्चे बेहोश हो गए थे जो अब होश में‎ आ गए हैं फिलहाल स्वस्थ हैं.‎

बिजली गिरने की स्थिति में क्या करें

बिजली गिरते वक्त बाहर हैं तो किसी इमारत में शेल्टर लें. अगर वहां बिल्डिंग नहीं हैं तो कार, किसी वाहन या कठोर परत वाली जगह के नीचे चले जाएं. पेड़ सुरक्षा का बेहतर विकल्प नहीं हैं, क्योंकि वे बिजली को अपनी ओर खींच सकते हैं.

अगर आप कहीं शेल्टर नहीं ले सकते तो कम से कम इलाके की सबसे ऊंचे वस्तु जैसे टावर से दूर रहें. आसपास एक-दो पेड़ हैं तो खुले मैदान में ही कहीं झुककर बैठ जाना सबसे बेहतर है.

खिड़कियों, दरवाजे और बरामदे में भी न जाएं. घर में किसी धातु के पाइप को भी न छुएं. हाथ धोने या शॉवर का उपयोग न करें. ऐसे वक्त बर्तन या कपड़े धोने का जोखिम भी न मोल लें.

अगर किसी पानी वाली जगह हैं तो तुरंत बाहर निकलने की कोशिश करें. पानी में छोटी नाव, स्विमिंग पूल, झील, नदी या जल के किसी भी अन्य स्रोत में नाव आदि पर सवार हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं.

जब आप बिजली के आवेश में आते हैं तो बाल या रोएं खड़े हो जाते हैं, ऐसे में तुरंत ही जमीन पर लेट जाएं. वज्रपात जानवरों के लिए भी खतरा है, पेड़ के नीचे बारिश से बचने को खड़े जानवरों पर अक्सर बिजली जानलेवा साबित होती है.

बच्चों को बिजली के किसी भी उपकरण से दूर रखें. मोबाइल चार्ज या किसी अन्य उपकरण को प्लग करने के साथ उसका इस्तेमाल बिल्कुल न करें. ज्यादा देर तक बिजली कड़कती है तो स्थानीय राहत और बचाव एजेंसी से संपर्क साध सकते हैं. अगर बिजली चली भी जाए तो भी इलेक्ट्रिक उपकरणों या स्विच को बार-बार न छुएं.

बिजली गिरने की स्थिति में क्या ना करें

  • बिजली के खंभों और टॉवरों से दूरी बरतें.
  • वज्रपात की आशंका हो तो खुली जमीन पर न लेटें.
  • वाहनों से निकल कर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं.
  • उसी छतरी का इस्तेमाल करें, जिसमें धातु की बजाय लकड़ी का हैंडल लगा हो.
  • खुले आसमान के नीचे अकेले फंस गये हों तो गड्ढों या नीची चट्टानों की ओट लें.
  • खुले मैदान में, जहां कोई पेड़ या ऊंची रचना न हो, वहां खड़े रहने की गलती न करें.