CG News : रायपुर. कुख्यात गैंगस्टर अमन साव की करीबी गुर्गे मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को पुलिस रायपुर लेकर आ रही है. उसपर गैंगबाजी, शूटआउट, हत्या और अवैध वसूली के मामले दर्ज हैं. अजरबैजान में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे झारखंड जेल में रखा था. 

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जुलाई 2024 में कई राज्यों के रोड कंस्ट्रक्शन और परिवहन से जुड़ी ठेका कंपनी पीआरए ग्रुप के तेलीबांधा स्थित दफ्तर में शूटआउट मामले में में गैंगस्टर अमन साव के साथ एक दर्जन से ज्यादा गुगारों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसी दौरान देश से बाहर बैठकर सोशल मीडिया पर गैंग के लिए धमकाने वाले मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा का नाम सामने आया था.

मांग पूरी नहीं होने पर गोली चलने की कही थी बात

आरोप के मुताबिक रायपुर पुलिस ने 2024 मई में शूटआउट की योजना बनाकर हरियाणा, झारखंड से आए शूटरों को पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस की जांच के दौरान कथित तौर पर मयंक सिंह ने गैंग में शूटरों की कमी नहीं होने की बात कहते हुए पीआरए ग्रुप के नाम से सोशल मीडिया में धमकियां दी. उसने मांग पूरी नहीं होने पर गोली चलने और निशाना नहीं चूकने की बात कही थी. दो महीने बाद जुलाई में रायपुर गैंग के दो शूटरों ने बाइक पर आकर तेलीबांधा दफ्तर के बाहर गोलियां बरसाई. इस मामले में एक महीने के भीतर पुलिस ने अमन साव गैंग से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा गुर्गों  और शूटरों को गिरफ्तार किया गया. अमन साव को प्रोडक्शन वारंट पर अक्टूबर 2024 में रायपुर लाया गया. रायपुर से झारखंड ले जाते वक्त मार्च 2025 में कथित तौर पर गोली चलाकर अमन साव ने भागने की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया.़

रायपुर फायरिंग केस में अमन साव समेत 12 गिरफ्तार

गौरतलब है कि 26 मई 2024 को भाठागांव में रायपुर पुलिस ने दो शूटर पकड़े, जो पीआरए ग्रुप पर हमला करने आए थे. पूछताछ के बाद दो लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसके बाद 4 आरोपियों को झारखंड में गिरफ्तार किया. 13 जुलाई 2024 को तेलीबांधा के पीआरए दफ्तर के बाहर दो शूटरों ने फायरिंग की थी. पुलिस ने जांच के बाद अमन साव समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया.