सुप्रिया पांडेय, रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर देखने को मिला है. खबर के प्रकाशित करने के बाद खदान बस्ती के घरों में चूल्हे जल पड़े हैं. यहां के लोगों का लॉकडाउन की वजह से रोजगार छिन गया था. लोग भूखे मरने की नौबात में आ गए थे. यहां के परिवारों की आंखें रोटी की आस में पथरा गई थी, लेकिन उम्मीद की किरण जगमगा उठी. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर प्रकाशित होने के बाद रायपुर मेयर एजाज ढेबर अपनी टीम के साथ खदान बस्ती पहुंचे, जहां लोगों को राशन दिया. तब जाकर लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब हुई.

ग्रामीण बोले- थैंक्यू लल्लूराम…

इस दौरान  मेयर एजाज ढेबर ने कहा कि लल्लूराम डॉट कॉम से खदान बस्ती के लोगों की बेबसी के बारे में जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने तत्काल इस मामले को संज्ञान में लिया. प्रभावित लोगों की मदद की. वे अपनी टीम के साथ खदान बस्ती पहुंचे. जरूरतमंदों के लिए राशन पैकेट का वितरण किया. साथ ही महापौर एजाज़ ढेबर खदान बस्ती के रहवासियों से भी रू-ब-रू हुए. उनकी परेशानियों को करीब से जाना.

ग्रामीण बोले- थैंक्यू लल्लूराम…

वहीं डगनिया के लोगों ने कहा कि लल्लूराम डॉट कॉम की मदद से हमें राशन मिला, इसके लिए धन्यवाद. आप लोगों के खबर दिखाने के बाद ही महापौर यहां आए हैं. अब तक किसी को इस मोहल्ले के बारे में जानकारी नहीं थी. चुनाव के बाद पहली बार कोई इस मोहल्ले में आया है. सिर्फ चुनाव प्रचार के दौरान ही नेताओं की टोली आती थी,और उसके बाद अभी आए हैं.

पेट रोटी की देख रहा राह

दरअसल, ये दास्तां राजधानी के डगनिया क्षेत्र की है. जहां श्रमिकों का एक पूरा तबका भूखे मरने को मजबूर था. दो वक्त की रोटी तो छोड़िए, इन्हें एक वक्त का पूरा खाना भी नसीब नहीं था. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से इनके रोजगार छिन गए हैं. बचे हुए पैसे भी खत्म हो गए थे. अब इनके पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा था और वो था उधार मांग कर खाने का, लेकिन मेयर एजाज ढेबर ने लोगों की मदद की, उनको राशन दिया, जिससे उनके बच्चों को निवाला नसीब हुआ.

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