सत्यपाल सिंह,रायपुर। भविष्य को लेकर चिंतित और निर्धारित समय पर परीक्षा की मांग को लेकर मेडिकल स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय हेल्थ एंड मेमोरियल साइंस का घेराव कर विरोध जताया. प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने जून में परीक्षा कराने की मांग को लेकर तर्कसंगत अपनी बातें रखीं. विद्यार्थियों ने कहा कि वे परीक्षा देने को तेयार हैं. इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज तिथि बढ़ाने पर तुला हुआ है. इससे वे नीट पीजी की परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे. उनका एक साल खराब हो जाएगा और उन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी है. उन्होंने बताया कि एनएनएमसी के अनुसार अप्रैल में होना थी परीक्षा और यूनिवर्सिटी ने अक्टूबर का डेट दिया है.

बच्चों के सत्र का एक साल पिछड़ने का खतरा

जुडो के संरक्षक डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि 2017 एमबीबीएस वर्ष के तृतीय प्रोफेशनल सत्र के छात्र पिछले वर्ष मार्च 20 में नियत परीक्षा कोरोना लॉकडाउन के कारण तीन बार स्थगित हुई. फिर अक्टूबर 2020 में हो पाई. इसलिए 7 महीने सत्र लेट होने के कारण परीक्षाएं अप्रैल 21 में नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार नहीं करवाई जा पा रही हैं. इससे बच्चों के सत्र का एक साल पिछडऩे का खतरा है.

पिछले 2 माह से हजारों बच्चे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणु पिल्ले, विशेष सचिव सीआर प्रसन्ना, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आरके सिंह और आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक चंद्राकर से मिल चुके हैं. अप्रैल 21 में परीक्षा कराने की मांग पर सहमत होने के बावजूद कोई तर्कसम्मत हल अभी तक नहीं निकल सका. इसी मांग पत्र के साथ आज छात्र आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ चंद्राकर और परीक्षा संचालक डॉ. राजेश सीकर से मिलने पहुंचे थे. पिछले 20 दिनों से नेशनल मेडिकल कमीशन के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर गाइडलाइन की अनुसार परीक्षाएं अप्रैल माह के आसपास कराए जाने का अनुरोध किया जा रहा है.