रायपुर. छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ की प्रबंधकारिणी समिति एवं मनोनीत कार्यकारिणी की एक संयुक्त बैठक सोमवार को मंत्रालय परिसर में हुई. बैठक में प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य मनोज साहू, संयुक्त सचिव, पवन कुमार साहू, कोषाध्यक्ष, उमेश सिंह, विष्णु मोंगराज, सदस्यद्वय के अलावा विभिन्न प्रकोष्ठों के लगभग 70 अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे. बैठक की अध्यक्षता महेंद्र सिंह राजपूत, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने की.

बैठक में तीरथराम साहू और तीरथराम सेन को संघ के संरक्षक के रूप में तथा राजकुमार चंचलानी, गौरीशंकर शर्मा, एस.के.सिंह, आर.ए. निर्मलकर, चारों अवर सचिव और कृष्णलाल कश्यप, अनुभाग अधिकारी को मार्गदर्शक मण्डल के रूप में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर स्वागत किया गया. बैठक में हुई चर्चा अनुसार संघ द्वारा सलाहकार समिति, विधिक/वित्तीय प्रकोष्ठ, सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रकोष्ठ, खेलकूद प्रकोष्ठ, समन्वयक एवं प्रचार प्रभारी, विविध कार्यक्रम प्रभारी एवं महिला प्रकोष्ठ के गठन की जानकारी प्रस्तुत की गई.

बैठक में पूर्व कार्यकारिणी से प्राप्त वित्तीय अभिलेख का लेखाजोखा रखा गया. अध्यक्ष राजपूत ने बताया कि विगत 2 वर्षों से मंत्रालयीन कर्मचारियों की पदोन्नति में नियमों का पालन नहीं किए जाने के कारण विगत दिनों सचिव का घेराव किया गया था, जिसके पश्चात मुख्य सचिव अमिताभ जैन से समक्ष चर्चा में शीघ्र पदोन्नति किये जाने के आश्वासन पर भरोसा रखने पर सहमति बनी. मंत्रालयीन सेवा के सहायक ग्रेड-3, 2 और स्टेनो टाइपिस्ट के वेतन विसंगति निराकरण के सम्बन्ध में भी निर्णय नहीं होने की स्थिति में शीघ्र ही आंदोलन की रुपरेखा बनाये जाने का निर्णय लिया गया. संघ द्वारा केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा सहित अन्य भत्ते सरकार से प्राप्त करने आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए प्रदेश स्तरीय कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया.

अध्यक्ष ने बताया कि संगठनों की फूट का खामियाजा आज पूरे प्रदेश के कर्मचारी भुगत रहे हैं और गुस्से में हैं, जिसे अब संगठनों के पदाधिकारी भी महसूस करने लगे हैं. इसलिए मंत्रालयीन कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश के समस्त संगठनों को एक प्लेटफॉर्म के नीचे लाकर एक करने का प्रयास किया जा रहा है. शीघ्र ही प्रदेश में कार्यरत दोनों फेडरेशनों के संयोजकों अनिल शुक्ला, कमल वर्मा व अन्य सम्बद्ध संगठनों की बैठक आयोजित कर, केंद्र के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप समस्त भत्तों की मांग के लिए संयुक्त आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. इस संबंध में दोनों फेडरेशनों के संयोजकों की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त होने की चर्चा है.