पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। कोरोना ट्रेसिंग टीम के साथ बदसूलकी करने वाले 11 ग्रामीणों के खिलाफ एसडीएम ने कार्रवाई करने का निर्देश दिए है. दरअसल, पूरा मामला गोलमाल गांव का है. यहां के सिहनापाला मोहल्ला के 180 में से 45 लोग कोरोना संक्रमित होन की पुष्टि के बाद कंटेन्मेंट जोन घोषित कर दिया गया था. 8 से 10 अप्रैल तक चले जांच की रिपोर्ट 14 अप्रैल को आया. रिपोर्ट आते ही मैनपुर एसडीएम सूरज साहू ने मोहल्ले को कण्टेन्मेंट जोन घोषित कर,कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का निर्देश दिया. हल्का पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, कोटवार, मितानिन, आगनबाडी कार्यकर्ता एंव रोजगार सहायक आदि कान्टमेंट जोन क्षेत्र में 14 अप्रैल को प्रायमरी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए गए थे, ताकि समय पर प्रायमरी कॉन्टेक्ट वालों का जांच कर उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके. लेकिन इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया. गाली गलौच करते हुए उन्हें सर्वे करने से रोका दिया. टीम ने इस हरकरत का वीडियो बना लिया.
सर्वे टीम ने इस आशय का एक प्रतिवेदन 14 अप्रैल को मैनपुर एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया. जिसमें उन्होंने गांव के ग्रामीण गंगाराम पिता गोरेलाल, रोहित पिता गोविदं, भुवनो दीवान पिता गाडाराम, रमेश पिता अनिरूध्द, केशरी पिता केवल, प्रेम दीवान पिता गांडाराम, चुलेश्वर पिता धरन, रूपनलाल पिता भुवनों, चुम्मन पिता भुवनों, प्रकाश पिता गोरेलाल, निलेन्द्री बाई पति गंगाराम और शेषबाई पति प्रेम दीवान पर शासकीय कार्य मे बांधा डालने, सर्वे करने से रोकने और टीम के साथ गाली गलौच करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी. घटना के दिन बनाये गए वीडियो को भी प्रतिवेदन का साथ प्रस्तुत कर दिया था.
मैनपुर एसडीएम सूरज साहू ने मामले को गंभीरता से लिया और प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई करने के लिए देवभोग पुलिस को पत्र जारी किया है. जिसमें उन्होंने 11 ग्रामीणों के खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के लिए देवभोग पुलिस को निर्देशित किया है.
एसडीएम सूरज साहू ने बताया कि ग्रामीणों का यह कृत्य ना केवल शासकीय कार्य में बाधा डालने तक सीमित है बल्कि उन इस कृत्य से महामारी आपदा को बढ़ावा भी मिल सकता है. इसलिए ग्रामीण महामारी एक्ट के तहत भी सभी दोषी है. वहीं देवभोग थाना प्रभारी हर्षवर्धन बैस ने मामले में जल्द ही कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.