रायपुर. छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने नवनियुक्त प्रांता अध्यक्ष अशोक कुर्रे के बनने के बाद मनरेगा कर्मियों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है. 17 सितंबर को देर शाम नियुक्त हुए प्रांता अध्यक्ष ने अपनी प्रांतीय टीम के साथ 18 सितंबर को सुबह 8 बजे संकट में सहारा बने आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात कर अपनी लंबित मांग से अवगत कराया. आबकारी मंत्री ने महासंघ के नवनियुक्त अध्यक्ष को शुभकामनाएं दी और आश्वस्त किया कि नवंबर के अंत तक मैं मुख्यमंत्री से आप लोगों की सौजन्य मुलाकात कराकर आप की मांग को पूर्ण कराऊंगा. जिस पर मनरेगा कर्मियों ने माला पहनाकर उनको धन्यवाद दिया.

मनरेगा महासंघ के नए अध्यक्ष बनते ही अशोक कुर्रे ने लंबित मांगों के संबंध तत्काल मुलाकात कर निराकरण की दिशा में प्रयास शुरू करना अपनी रणनीति बनाई है. जिसके कारण 3 माह से स्थिल दिख रही मनरेगा कर्मचारियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है. अवगत हो कि मंत्री कवासी लखमा के मध्यस्थता के बाद ही मनरेगा महासंघ ने अपना 66 दिन का हड़ताल स्थगित किया था, जिसमें 21 सहायक परियोजना की बहाली हो गई है.

वहीं हड़ताल अवधि को शून्य घोषित करते हुए वेतन भुगतान और सभी मनरेगाकर्मियों को पंचायत कर्मी का दर्जा प्रदान करते हुए जाब सुरक्षा जैसी मांग अभी लंबित है.
इस दौरान महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष राधेश्याम कुर्रे, उपाध्यक्ष राजेश वर्मा, महेंद्र भारद्वाज, टीकम चंद कौशिक, महासचिव सुनील मिश्रा, सलाहकार प्रमिल लथारे, सचिव अजय क्षत्रिय, सह सचिव मनीष देवांगन, संतोष देवांगन, कार्यक्रम प्रबंधक सहायक कार्यक्रम प्रबंधक शिवम नगरची, हितेश सिन्हा, दिनेश साहू उपस्थित थे.