बस्तर। कोरोना संक्रमण का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है. इस बीच अब मलेरिया ने दस्तक दे दी है. मानसून के आते ही बस्तर जिले में लगातार मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. खासकर इनमें बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा है. ग्रामीण अंचलों में काफी बुरा हाल है, जिले के 7 ब्लॉकों में से 6 ब्लॉक में मलेरिया का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है.

बस्तर में मलेरिया की दस्तक

बस्तर में मलेरिया अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. इसको लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में चिंता का विषय बना हुआ है. इधर जिले में 16 जून से 31 जुलाई तक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का चौथा चरण चलाया जा रहा है. अभियान के दौरान लगातार मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिलते जा रहे हैं. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन के पास पर्याप्त मलेरिया जांच किट और दवाइयां है. लगातार मलेरिया से पॉजिटिव मरीजों का बेहतर उपचार भी किया जा रहा है.

बस्तर के ग्रामीण अंचलों में गर्भवती महिला और बच्चे मलेरिया के चपेट में आ रहे हैं. जिले के बास्तानार और लौंहडीगुड़ा ब्लॉक में सबसे ज्यादा मलेरिया पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. मलेरिया मुक्त अभियान के चौथे चरण में 5 जुलाई तक बस्तर जिले में मलेरिया के कुल 520 मरीज मिले हैं. इसमें लौंहडीगुड़ा ब्लॉक में सबसे ज्यादा 170 मिले हैं. इनमें 94 बच्चे हैं.

वहीं बस्तानार ब्लॉक में 30 जून तक 116 मलेरिया पीड़ितों में 70 बच्चे और तोकापाल ब्लॉक में 12 में 6 बच्चे, दरभा ब्लॉक में 135 पीड़ितों में 64 बच्चे नानगर में 66 बच्चों में 27 बच्चे बस्तर ब्लॉक में मलेरिया के सिर्फ 23 मरीज मिले जिनमें 9 बच्चे शामिल हैं.

बस्तर संभाग की बात की जाए तो इसमें बीजापुर में 389, दंतेवाड़ा में 325 कांकेर में 120, कोंडागांव में 195, सुकमा में 537, नारायणपुर में 414 मरीज मलेरिया पॉजिटिव में पाए गए हैं. इसमें 1 से 14 वर्ष तक के बच्चों की संख्या ज्यादा है.

इधर बस्तर में मलेरिया से गर्भवती महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुई. हैं, जिले भर के 7 ब्लाकों में 304 महिलाओं की जांच में जहां लौंहडीगुड़ा ब्लॉक में 4 गर्भवती महिलाएं मलेरिया से पीड़ित पाई गई हैं. वहीं जगदलपुर छोड़ अन्य ब्लॉकों में 12 गर्भवती महिलाएं भी मलेरिया की चपेट में आई हैं, जिनका उपचार जारी है.

जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि लौंहडीगुड़ा ब्लॉक, बास्तानार ब्लॉक के किलेपाल इलाके और दरभा ब्लॉक में अधिकतर मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. मलेरिया मुक्त अभियान के दौरान लगातार टीम के द्वारा गांव के सभी घरों में जाकर जांच किया जा रहा है. वहीं बास्तानार ब्लॉक के किलेपाल के 42 गांव में भी मलेरिया का प्रकोप अधिक है.

वहीं प्रशासन की ओर से और स्वास्थ विभाग के द्वारा जिले के हर उप स्वास्थ्य केंद्रों में मच्छरदानी पहुंचाई जा रही है. अभियान के दौरान सभी को निःशुल्क मच्छरदानी वितरित किया जा रहा है. साथ ही मलेरिया से बचने के लिए जागरूक करने का काम भी स्वास्थ्य विभाग की टीम बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में कर रही है. उन्होंने कहा कि विभाग के पास पर्याप्त दवाई है और मलेरिया रोकथाम के लिए पूरे प्रयास विभाग के द्वारा किए जा रहे हैं.

बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने भी जिले में लगातार मिल रहे मलेरिया पॉजिटिव मरीज के संख्या को देखते हुए चिंता जताया है. कलेक्टर ने कहा कि निश्चित तौर पर जिले में बढ़ रहे मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए विभाग के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन इसके रोकथाम के लिए स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कलेक्टर ने कहा कि 16 जून से मलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत की गई है. यह अभियान 31 जुलाई तक चलाई जाएगी.

इस दौरान जिले के एक-एक घर में जाकर विभाग की टीम सभी लोगो की मलेरिया जांच करेगी. कलेक्टर ने कहा कि विभाग के पास पर्याप्त दवाइयां और जांच किट है. साथ ही उपचार के लिए भी स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि अब तक जिले में मलेरिया से एक भी मौत के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन लगातार बढ़ रहे मलेरिया पॉजिटिव की संख्या को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है.

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