बिलासपुर. बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराम नाग, कांकेर कलेक्टर और एसपी समेत 13 लोगों को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस जस्टिस राधाकृष्ण अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई के बाद जारी किया गया है.
दरअसल हाईकोर्ट में एक ही परिवार के भाई-बहनों ने याचिका दायर कर मां की मौत के बाद शव को दफन नहीं करने देने की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई. यह भी बताया कि शव को गुपचुप ढंग से किसी अनजान जगह पर दफन कर दिया गया है. मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराज नाग, कलेक्टर, एसपी सहित 13 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई जस्टिस राधाकृष्ण अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई. कांकेर जिले के ग्राम कुरुटोला निवासी मुकेश कुमार नरेटी, योगेश्वरी नरेटी, राकेश नरेटी व अमेती नरेटी ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता के जरिए आपराधिक रिट याचिका दायर की. इसमें बताया कि याचिकाकर्ताओं की मां चैतीबाई की मृत्यु होने पर उन्होंने ईसाई मत के अनुसार शव दफन किया.
इस पर गांव के लोगों ने आपत्ति की और ताकत का इस्तेमाल कर सार्वजनिक श्मशान में दफन नहीं करने दिया. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने शव अपनी निजी भूमि में दफनाया. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि कुछ ग्रामवासियों और स्थानीय नेता जिनमें अंतागढ़ के पूर्व विधायक भोजराम नाग, रूप सिंह, मंगलू हिड़को, संवारु हिड़को, सुकालू, सुंदर नरेटी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष शांतिलाल डुग्गा, गुप्तेश मंडावी, रमेश मंडावी ने कब्र खुदवाकर शव बाहर निकलवाया और अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया. वहां से भी 6 दिन तक अंतिम संस्कार नहीं करने दिया. अब इस मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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