रायपुर. राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की रैली पर प्रहार किया. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, आज भाजपा ने उनकी महिला मोर्चा ने महतारी हुंकार रैली बिलासपुर में निकाला, लेकिन एक बार फिर से भाजपा के इस काल्पनिक और मनगढ़ंत मुद्दों को जनता ने नकार दिया. भाजपा ने दावा किया था 1 लाख महिलाएं आएगी, लेकिन बमुश्किल से 6 से 7 हजार महिलाएं आईं.

भाजपा ने महिला अपराध, शराबबंदी पर रैली निकाली लेकिन हकीकत में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इन दोनों ही मामलों में स्थिति बेहतर है. छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ अपराधों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 62 प्रतिशत की कमी आई है. कांग्रेस सरकार बनने के तीन साल पहले और कांग्रेस की सरकार बनने के तीन साल बाद बलात्कार के मामलों का तुलनात्मक विवरण इस प्रकार है- 2016-1626, 2017-1908, 2018-2091, 2019-1036, 2020-1210, 2021-1093. बलात्कार के प्रयास के मामले- 2017-19, 2018-27, 2019-09, 2020-08, 2021-07. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2018 में छत्तीसगढ़ बलात्कार के मामलों में पांचवें नंबर पर था. 2021 में भूपेश सरकार की महिला सुरक्षा नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ 11 वें स्थान पर आ चुका था.

बलात्कार के प्रयास की घटनाओं में भी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2018 तक 10वें स्थान पर था, जबकि भूपेश सरकार के बाद 2021 में छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थिति में सुधार किया है और ये 16वें स्थान पर है. महिला के विरूद्ध घटित अपराध में छत्तीसगढ़ की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर 18वें स्थान पर है. राष्ट्रीय स्तर पर प्रति लाख आबादी पर महिला के विरूद्ध घटित अपराध की दर 63.3 है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रति लाख आबादी पर महिला के विरूद्ध घटित अपराध की दर 49.8 है. सितम्बर 2013 में नदवकब (यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम) की रिपोर्ट आई कि रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ मानव तस्करी का केंद्र बन चुका था. दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में रेड लाइट इलाकों में पाई जाने वाली अधिकतर लड़कियां छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों से लाई गई थी.

महिलाओं और बालिकाओं की तस्करी के आंकड़ों के मामले में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल था. रमन शासनकाल में 27000 से अधिक महिलाएं लापता थी. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मानव तस्करी के अपराध में 72 प्रतिशत की कमी आई है. नवंबर 2014 में बिलासपुर में आयोजित नसबंदी शिविर मे सभी स्वास्थ्य मापदंडों की अवहेलना करते हुए केवल 4 घंटे में 83 महिलाओं की नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया गया था. इस दौरान 18 महिलाओं की मौत हो गई थी. झलियामारी कांड में सरकारी कन्या आश्रम मे 6 से 14 वर्ष की नाबालिग बच्चियों के साथ महीनों तक अनाचार होता रहा मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. गर्भाशय कांड-केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए वर्ष 2007 में शुरू की गई. स्वास्थ्य बीमा योजना की राशि हड़पने के लिए हज़ारों ग़रीब महिलाओं का बिना वजह ऑपरेशन कर गर्भाशय निकाल दिया गया था.

बलरामपुर में आदिवासी युवती मीना खल्को के साथ पुलिसकर्मियों ने बलात्कार किया और उसे गोली मारने के बाद नक्सली बता दिया. मड़कम हिड़मे बस्तर के कोंटा में एक आदिवासी युवती को गोली मारकर उसे नक्सली बता दिया गया. इस घटना में युवती के शरीर पर गोली लगी थी. मगर वर्दी पर कोई गोली का निशान नहीं था. इसका सीधा मतलब है कि गोली मारने के बाद नक्सली वर्दी पहनाई गई थी. रमन सिंह के ओएसडी ओपी गुप्ता 4 साल तक लगातार एक गरीब नाबालिग युवती का सरकारी बंगले में बलात्कार करते रहे मगर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.

भाजपा का शराब पर दोहरा रवैया

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला ने कहा कि एक बार फिर से भाजपा की एक और नेता स्मृति ईरानी ने झूठ बोला कि, कांग्रेस ने शराबबंदी के लिए गंगाजल की कसम खाई थी, जबकि कांग्रेस ने सिर्फ कर्जमाफी के लिए कसम खाया था. जब रमन सिंह ने शराब का सरकारीकरण किया तब विरोध क्यों नहीं किया? छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति शराब की खपत रमन राज में देश में पहले नंबर पर था, तब रमन सिंह से सवाल क्यों नहीं किया? जब छत्तीसगढ़ में शराब का राजस्व 300 से बढ़कर 5000 करोड़ हो गया तब भाजपा महिला मोर्चा ने विरोध नहीं किया. आज छत्तीसगढ़ प्रति व्यक्ति शराब की खपत में देश में 18वें नंबर पर है. रमन राज की अपेक्षा कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अंग्रेजी शराब में 15 प्रतिशत देशी शराब में 10 प्रतिशत की कमी आई है.

स्मृति ईरानी महंगाई के खिलाफ मौन क्यों?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि, विपक्ष रहते हुये स्मृति ईरानी महंगाई के खिलाफ खूब आंदोलन किया था गैस सिलेंडर लेकर सब्जियों की माला पहनकर फोटो खिंचवाया था, जब सिलेंडर की कीमत 400 रुपये थी तब विरोध किया था. आज सिलेंडर के दाम 1150 रुपये हो गया तब स्मृति ईरानी क्यों चुप हैं. जब आलू, प्याज की कीमत 14 रुपये थी तब स्मृति उसकी माला पहनी थीं, आज आलू, प्याज 40 रुपये है स्मृति जी क्या अब भी आलू, प्याज की माला पहनेगी? जब खाद्य तेल, सरसों के तेल की कीमत, शक्कर, आटा, दालों की कीमत आज की अपेक्षा आधी थी, तब स्मृति को महंगाई अधिक लग रही थी. आज देश में महंगाई की कीमत बेतहाशा बढ़ गई स्मृति क्यों चुप हैं? कब मुखर होंगी?

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