रायपुर. छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम इकॉनामिक कॉरिडोर में मुआवजा घोटाला मामले में शिकायतों व दावा-आपत्तियों की जांच बार-बार चेतावनी के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है. इसकी वजह से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को विस्तृत जांच रिपोर्ट भेजने में भी देरी हो रही है. बताया गया है कि जांच टीम गठित होने के बाद कुछ और शिकायतें व आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका परीक्षण करने में समय लग रहा है. शिकायतों की जांच जल्द पूरी करने के लिए संबंधितों को नोटिस भी जारी किया गया है.

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक भारतमाला परियोजना के अंतर्गत अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम इकॉनामिक कॉरिडोर में मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद राज्य शासन के निर्देश पर भूअर्जन मुआवजा प्रकरणों की जांच का जिम्मा रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे को सौंपा गया है.

 संभागायुक्त ने भारतमाला परियोजना के तहत भू-अर्जन मुआवजा प्रकरणों के संबंध में नए सिरे से दावा आपत्तियां मंगाई थीं. इनमें डेढ़ सौ से अधिक दावा-आपत्तियां व शिकायतें मिली थीं. इनकी जांच के लिए अपर कलेक्टरों की अध्यक्षता में चार अलग-अलग टीमें बनाई थीं. उन्हें हफ्तेभर के भीतर रिपोर्ट देने कहा गया था. संभागायुक्त के सख्त निर्देशों के बाद भी सभी टीमें निर्धारित समयावधि में जांच रिपोर्ट नहीं सौंप पाईं. सिर्फ 2 टीमों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है और बाकी 2 टीमों की रिपोर्ट अप्राप्त है. संभागायुक्त महादेव कावरे जांच रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत किए जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों की लगातार बैठक भी ले रहे हैं.