रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 3 अप्रैल को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत हुई थी. साथ ही नक्सलियों ने  एक जवान को बंधक बना लिया गया था. अब इस NIA ने माओवादी हमले की जांच अपने हाथ में ली है. NIA ने इस महीने की शुरुआत में छत्तीसगढ़ पुलिस से मामले के दस्तावेज लेने के बाद हमले की जांच शुरू कर दी है.

22 जवानों की शहादत की NIA करेगी जांच

ये सबसे घातक हमलों में से एक हमले का नेतृत्व माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए), हिडमा के बटालियन- I के कमांडर ने किया था, जो पिछले 15-16 वर्षों में राज्य में बड़े हमलों में से एक है. बीजापुर जिले में 350-400 माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया था.

मोस्ट वांटेड नक्सलियों का खाका तैयार

NIA ने नक्सलियों के कुछ नक्सली कमांडर्स को नामित किया है, जिनमें हिडमा, नब्बाला केशव राव उर्फ ​​राजू (संगठन के महासचिव), मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ ​​गणपति (पूर्व महासचिव), वेणुगोपाल उर्फ ​​भूपति, सुजाता, नागेश, प्रशांत शामिल हैं. 350 के अलावा- इसकी प्राथमिकी में 400 कैडर हैं.

बस्तर के महानिरीक्षक सुंदरराज पी के मुताबिक केंद्र सरकार ने मामले में एनआईए जांच के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिसके बाद राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों को मामले के दस्तावेज केंद्रीय एजेंसी को सौंपने के निर्देश जारी किए. बता दें कि केंद्र सरकार ने NIA को 5 जून को जांच के लिए फाइल सौंप दी है. NIA एक-एक पहलू की जांच कर रही है.

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