प्रतीक चौहान. रायपुर. 22 जुलाई 1947 को कॉन्स्टीट्यूशन हॉल में संविधान सभा की बैठक हुई थी. पंडित नेहरू ने तिरंगे को राष्ट्रध्वज के रूप में अपनाने का प्रस्ताव रखा जिसे सभा ने स्वीकार कर लिया. इस तरह, हमारा राष्ट्रीय ध्वज अस्तित्व में आया था. यही कारण है कि आज का दिन बेहद खास है. लेकिन रायपुर रेलवे स्टेशन में अधिकारियों की लापरवाही की वजह से राष्ट्रध्वज का अपमान हो रहा है.
कहने को तो रेलवे के तमाम अधिकारी-कर्मचारी 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा है. रायपुर रेल मंडल के तमाम अधिकारी-कर्मचारी अपने ट्वीटर अकाउंट से लेकर अपने वाट्सअप स्टेट्स में इस महोत्सव से जुड़ी जानकारियां शेयर कर रहे है. लेकिन हकीकत में आलम ये है कि रायपुर रेलवे स्टेशन में तिरंगे का अपमान हो रहा है… जिसकी जानकारी किसी को नहीं है. संभवतः हवा और बारिश की वजह से तिरंगे का एक हिस्सा फट गया है.
बताया जा रहा है कि ध्वज पिछले कई दिनों से फट गया है, लेकिन ट्वीटर में अमृत महोत्सव मनाने वाले रेलवे अधिकारी-कर्मचारियों की नजर रायपुर रेलवे स्टेशन के राष्ट्रीय ध्वज पर अब तक नहीं पड़ी है. यही कारण है कि ध्वज का अपमान हो रहा है.
नोटः इस वीडियो को यहां लगाने का उद्देश्य राष्ट्रीयध्वज का अपमान करना नहीं है. बल्कि जिम्मेदारों को यह बताना है कि उनकी लापरवाही की वजह से ध्वज का अपमान हो रहा है.