रोहित कश्यप, मुंगेली। एक शख्स और उससे पूरा गांव परेशान है. प्रशासनिक तंत्र का सहारा लेकर गांव के एक शख्स ने गांव के दर्जनों लोगों को बेवजह जमीन विवाद में फंसा कर न्यायालय का चक्कर लगवाता है. गांव के बेबसों की जमीन को अपने नाम पर दर्ज करवा लेता है. हैरानी की बात यह है कि इस शख्स के नाम में आखिर दर्ज कैसे हो जाती है. ये कहानी पथरिया विकासखंड में मंदवानी गांव की है.
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सरगांव थाना क्षेत्र के मंदवानी गांव के लोगों का कहना है कि मंदवानी गांव से लोग परेशान हैं. गांव के भोले-भाले लोगों की जमीन को हड़पने का काम कर रहा है. इसकी वजह से लोग मुफलिसी और हालातों से मजबूर हैं. कई परिवार बेघर हो गए हैं. कुछ तंग हो कर खुदखुशी कर लिए हैं. लोगों का आरोप है प्रशासनिक तंत्र का सहारा लेकर लोगों को चूना लगा रहा है.
न्यायालय का चक्कर काट-काटकर थक गए लोग
मंदवानी गांव के लोगों ने कहा कि अधिकांश किसानों की जमीन बसंत तिवारी के नाम में दर्ज हो गई है. बसंत फर्जी तरीके से जमीनों को अपने नाम करा लेता है. गांव के लोगों का कहना है कि उनकी जमीन को वो अपने नाम कैसे करा लेता है, उनको पता तक नहीं है. जब कोर्ट से उनको बुलावा या फिर पटवारी से बताता है, तब उनको जानकारी मिलती है. फिर वे न्यायालय का चक्कर काट-काटकर थक जाते हैं.
मृत लोगों को बनाया पक्षकार
गांव के लोगों ने बताया कि बसंत तिवारी ऐसे लोगों को पक्षकार बनाता है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी मौत हो चुकी है. इसके अलावा गांव के लोग पैसे कम पड़ने के कारण कोर्ट की लड़ाई भी नहीं लड़ पा रहे हैं. ऐसे में वे पेशी में भी नहीं जा पाते हैं. ऐसे में न्यायलय से एकपक्षीय कार्रवाई होती है.
पेशी लड़ते-लड़ते चली गई जान
लोगों ने बताया कि थाने में शिकायत किए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई. मामले को लेकर डीजीपी ऑफिस तक गए. इसके बाद आरोपी को एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया. अब स्थिति ये है कि जमीन विवाद के कारण किसान समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पा रहे हैं. कई लोगों की पेशी लड़ते-लड़ते जान चली गई.
दस्तावेज़ के साथ शिकायत
गांव के प्रभावित लोग अजीत गायकवाड़, धनुवा, पंचमती, संतोष तिवारी, अनिल तिवारी सहित करीब दो दर्जन लोगों ने lalluram.com को बंसत तिवारी पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. दस्तावेज़ के साथ शिकायत की है.
दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी
मामले में जिला कलेक्टर पीएस एल्मा ने कहा कि इस तरह ग्रामीणों को परेशान करना गलत है. इसकी जांच के लिए सम्बंधित अधिकारी से कहा गया है. तथ्य पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मामले में जो दोषी अधिकारी-कर्मचारी हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.