रायपुर। भूपेश सरकार ने अबूझमाड़ की वर्षों पुरानी एक बड़ी समस्या का हल निकाल लिया है. सरकार अब अबूझमाड़ के उन गाँव वालों को भी शासकीय योजनाओं का लाभ देने जा रही है, जो कि वर्षों से सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहे हैं. वंचित इसलिए रहे हैं, क्योंकि अबूझमाड़ के सैकड़ों गाँव अभी भी राजस्व रिकॉर्ड में शामिल नहीं हैं.

ऐसा इसलिए है, क्योंकि सघन वन वाला यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित है. अबूझमाड़ को वर्तमान में नक्सलियों का मुख्यालय भी कहा जाता है. ऐसे में सरकारी अमला हो या सुरक्षा बल के जवान अबूझमाड़ के दुर्गम क्षेत्रों पहुँच ही नहीं पाए हैं. इन चुनौतियों के बीच अबूझमाड़ के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था.

सरकार के सामने इस बड़ी समस्या को दूर करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन नारायपुर की ओर से भेजा गया. प्रस्ताव में बताया गया कि अबूझमाड़ के जो गाँव राजस्व रिकार्ड में शामिल नहीं है और वे उस इलाके में कब्जाधारी हैं, तो ऐसे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. जिला प्रशासन के इस प्रस्ताव पर सरकार ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है.

ओरछा विकासखण्ड के अबूझमाड़ क्षेत्र के 237 गांव और नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्रामों में अभी तक राजस्व सर्वेक्षण नहीं हुआ है. जिससे असर्वेक्षित ग्रामों में शासन की ऐसी अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. जिसके लिए कृषि संबंधी अभिलेख की आवश्यकता होती है. जिसके कारण जनजातीय समुदाय वन अधिकार पट्टा, किसान केडिट कार्ड, समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित है.

नक्सल प्रभावित अबुझमाड़ क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य में आ रही कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन के द्वारा नियमित राजस्व अभिलेख के स्थान पर मसाहती खसरा और नक्शा तैयार करने के निर्देश संदर्भित पत्र क्रमांक 02 द्वारा 30.08.2019 को जारी किया गया है. इस संबंध में दोबारा विभागीय समसंख्यक पत्र 04.02.2021 द्वारा लेख किया गया है.

नारायणपुर जिले में असर्वेक्षित ग्रामों के सर्वेक्षण कार्य में प्रगति विभिन्न कारणों से काफी कम है. जिले में अभी तक कुल 15 ग्रामों में सर्वे कार्य प्रारंभ हुआ है. आईआईटी रूड़की के सहयोग से 03 ग्रामों का प्रारंभिक नक्शा और अभिलेख तैयार किया गया है. सर्वेक्षण कार्य के संबंध में 6.03.2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबुझमाड़ में नियमित राजस्व अभिलेख के स्थान पर गसाहती खसरा/नक्शा तैयार करने, शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिए जाने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई थी.

इस बैठक में अबुझमाड़ क्षेत्र का सर्वे कार्य निर्धारित प्रकिया अंतर्गत पूर्ण करने के साथ ही वर्तमान में कब्जे के सत्यापन के आधार पर तैयार किए गए अस्थाई/प्रारंभिक भू-अभिलेखों को शासन की विभिन्न योजनाओं के लिए मान्य किये जाने संबंधी बिन्दु पर विचार किया गया. अंतरिम/प्रारंभिक अभिलेखों को केन्द्र शासन/राज्य शासन के द्वारा मान्य किये जाने पर हितग्राहियों को निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी.

  • मनरेगा योजना के तहत प्रश्नाधीन भूमि में भूमि समतलीकरण, डबरी निर्माण के लिए.
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सम्मान राशि दिए जाने बाबत.
  • धान खरीदी योजना के तहत किसानों के पंजीयन के लिए.
  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए.
  • कृषि विभाग द्वारा फसल बीमा योजना का लाभ दिये जाने बाबत.
  • किसानों को ट्यूबवेल, खाद, बीज, खेतों को घेरा करने, कृषि उपकरण प्रदान करने के लिए.
  • सर्वेक्षण में पात्र पाए गए कब्जेदार किसानों को वन अधिकार मान्यता प्रमाण-पत्र.

केन्द्र या राज्य सरकार की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के अंतर्गत लाभ दिए जाने के लिए संबंधित व्यक्तियों को भू-स्वामी और वैध कब्जादार होना आवश्यक है. विस्तृत सर्वेक्षण की प्रकिया पूर्ण होने तक प्रारंभिक अभिलेख/मसाहती खरारा को आधार मानकर कब्जेदार को विभिन्न शाराकीय योजनाओं का लाभ दिये जाने पर सैद्धांतिक सहमति दी जाती है. वर्तमान में जिन ग्रामों में कब्जे के सत्यापन के आधार पर प्रारंभिक-अस्थाई भू-अभिलेख और मसाहती खसरा तैयार किया जा चुका है. उसे अनुमोदन के लिये आयुक्त, भू-अभिलेख को प्रेषित करने के साथ ही भुईयां पोर्टल में प्रारंभिक भू-अभिलेख/मसाहती खरारे के संबंध में कोदार की प्रविष्टि की जानकारी दर्ज करना सुनिश्चित करें. इसके बाद ही वैध कब्जेदारों को विभिन्न विभागों द्वारा संचालित शासन की विभिन्न हितग्राही गूलक योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा.

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अबूझमाड़ क्षेत्र में अधिकाधिक ग्रामों का प्रारंभिक/मसाहती भू-अभिलेख तैयार करने के संबंध में समयबद्ध कार्यक्रम तैयार कर किन्यान्वित किया जाना सुनिश्चित करें. जिससे जनजातीय समुदाय को केन्द्र/राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत शीघ्र लाभान्वित किया जा सके.

देखें आदेश-