शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी रायपुर के देवपुरी स्थित साई वाटिका कॉलनी में हुई लाखों रुपए की डकैती पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. शहर के बीचों-बीच रिहायशी इलाके में हुई वारदात ने पूरे सिस्टम के कान खड़े कर दिए. रायपुर पुलिस हाई अलर्ट के बीच डकैतों की तलाश में जुट गई. डकैती की वारदात के 20 दिन बाद आखिरकार पुलिस के हाथ अहम सुराग लग गया है.
रायपुर पुलिस को वारदात में अंतरराज्यीय गिरोह के संलिप्त होने की जानकारी मिल गई है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस टीम जल्द कई अन्य राज्यों के लिए रवाना होने की तैयारी में है.
दरअसल, देवपुरी मुख्य मार्ग से महज 1 किलोमीटर दूर साईं वाटिका कॉलनी में 3 अप्रैल की दरमियानी रात मेडिकल कारोबारी के घर 7 नकाबपोश डकैत घुस आए. डकैत न तो अपने साथ हथियार रखे थे न ही परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाएं हैं. नकाबपोश डकैत घर के लोगों को बंधक बनाकर अलमारी में रखे सोने-चांदी के जेवरात और नगदी रकम कुल 13 लाख रुपयों के डकैती की वारदात को अंजाम दे दिया. इतना ही नहीं डकैत जाते वक्त कारोबारी की एक्टिवा भी लेकर फरार हो गए. पुलिस को सूचना मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. पूरे मामले की जांच शुरू कर दी.
अब तक क्या-क्या हुआ ?
डकैत इतने मास्टर प्लान के साथ वारदात को अंजाम दिए कि 20 दिनों तक पूरी घटना ब्लाइंड केस की तरह बनी रही. पुलिस की 12 सदस्यों की विशेष टीम कई पहलुओं पर जांच में उलझी रही. देवपुरी से अभनपुर, मंदिर हसौद और कुम्हारी टोल नाका तक करीबन 3 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए.
पुलिस के लिए एक एक्टिवा चुनौती बनी रही, जिसे डकैत अपने साथ ले गए थे. सीसीटीवी कैमरों की जांच में एक्टिवा पर संदिग्ध रूप से कुछ लोग तो जाते जरूर दिखें, लेकिन उनकी स्पष्ट पहचान नही हो सकी. पुलिस के लिए महज एक एक्टिवा ही चुनौती बनी रही.
आखिर डकैत उस एक्टिवा का उपयोग कहां किए होंगे. आस-पास के इलाकों के पुराने संदिग्ध बदमाशों से पूछताछ की गई. करीबन आधा दर्जन से अधिक तालाब तक देखे गए. जिले के टोल नाका, मुख्य मार्ग, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड तक जांच का दायरा पहुंचा, लेकिन डकैती को सुलझा पाने वाला कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा, जिसके बाद पुलिस सीमावर्ती जिलों में जाकर जांच बढ़ाई.
अंतर्राज्यीय गिरोह का हाथ
ब्लाइंड डकैती को सुलझाने पुलिस लगातार जांच कर रही है. डकैतों के बातचीत से लेकर पहनावे के तरीके तक को सोचा गया. इस दौरान थोड़ी लीड पर अब तक उत्तप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड, देवास जैसे राज्यों पर दबिश दे चुकी है, लेकिन अब तकनीकी जांच से पुलिस को अहम सुराग मिले हैं, जिससे साफ हो गया कि वारदात को बाहरी अंतरराज्यीय गिरोह ने अंजाम दिया है. जिसके बाद अब पुलिस बिहार, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश के लिए रवाना हो सकती है.
क्राइम ब्रांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि घटना दिनांक से लगातार जांच की जा रही है. पुलिस को बाहरी गिरोह की अहम जानकारी मिली है. पुलिस टीम इसी लीड पर काम कर रही है. जल्द पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.