पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद जिले में रेत के अवैध खनन को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है. कांग्रेस और भाजपा के विधायक आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव ने आरोप लगाया है कि जिले में अवैध खनन चरम पर है, और खनन करने वाले करोड़ों की मशीनरी नकदी में खरीद रहे हैं. भाजपा विधायक रोहित साहू ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय ही खनन में शामिल लोग संलिप्त थे और वर्तमान में कार्यवाही जारी है.
प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है : कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव ने गरियाबंद विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि देवभोग और राजिम के विभिन्न खदानों में रेत का अवैध खनन हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है और कार्यवाही के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है. ध्रुव ने कहा कि जो लोग सत्ता में शामिल नहीं हैं, केवल उन्हीं पर कार्यवाही हो रही है जबकि अन्य बेखौफ खनन जारी रखे हुए हैं.
करोड़ों की रॉयल्टी का हुआ नुकसान : जनक ध्रुव
विधायक ध्रुव ने यह भी दावा किया कि पिछले छह महीनों में सरकार को करोड़ों की रॉयल्टी का नुकसान हुआ है, जबकि खनन में संलिप्त लोगों ने नगद में करोड़ों की मशीनरी खरीद ली है. उन्होंने अभनपुर में 95 लाख की एक डील का उदाहरण दिया, जहां 4 हाईवा और एक पोकलेन नगदी में खरीदे गए थे. उनका कहना है कि नगदी मशीनरी खरीदना दिखाता है कि अवैध खनन से कितनी कमाई की जा रही है.
भाजपा विधायक की प्रतिक्रिया
वहीं, भाजपा विधायक रोहित साहू ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि खनन में शामिल लोग कांग्रेस सरकार के समय संरक्षित थे और वर्तमान में कार्यवाही कर खनन पर रोक लगाई गई है. उन्होंने मशीनरी खरीदी के आरोप को बेबुनियाद बताया.
गरियाबंद जिले में रेत के अवैध खनन का यह मुद्दा अब सियासी रंग ले चुका है, जिसमें दोनों पार्टियों के विधायक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. जनता की निगाहें अब इस पर हैं कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और अवैध खनन को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है.
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