रायपुर। छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल अपने भेंट मुलाकात अभियान के दौरान प्रदेश के दौरे पर निकले हुए हैं. वह जनता के बीच जाकर चौपाल लगा रहे हैं. लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और ऑन द स्पॉट फैसला सुना रहे हैं. इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्वीट किया है. साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा है. वहीं वीडियो को लेकर पुलिस ने भी अपना बयान जारी किया है.
रमन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि यह भेंट मुलाकात है या बदतमीजी और डांट है! एक महिला की शिकायत का निराकरण करने की बजाय उससे इस तरह अभद्रता से बात करना कहां तक जायज़ है?
वहीं वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने अपना बयान जारी किया है. पुलिस के मुताबिक सूरजपुर जिला के भटगांव निवासी सिमरन अग्रवाल पति आयुष अग्रवाल ने 17.02.2022 को एक लिखित आवेदन पत्र भटगांव थाने में दी, जिसमें उसने बताया कि 2020 में आयुष अग्रवाल से कोर्ट मैरिज और मंदिर में शादी की है.
पुलिस ने बताया कि पीड़िता के पति आयुष अग्रवाल निवासी भटगांव, ससुर अजय अग्रवाल, सास मंजु अग्रवाल के द्वारा दहेज संबंधी बात को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है.
आवेदिका के आवेदन पत्र पर थाना भटगांव मे अपराध कमांक 29/2022 धारा 498ए, 506, 34 भादस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया. विवेचना के दौरान प्रकरण में विधिक राय लेकर धारा 509 ख भादस जोड़ी गई. आरोपी अजय अग्रवाल पिता कलीराम अग्रवाल और मंजु अग्रवाल 20.03.2022 को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के मुताबिक आरोपी आयुष अग्रवाल पिता अजय अग्रवाल उम्र 24 वर्ष निवासी भटगांव को नई दिल्ली पुलिस टीम भेजकर दिनांक 26.03.2022 को गिरफ्तार किया गया. न्यायिक रिमाण्ड में लिया गया. विवेचना पूर्ण कर 13.04.2022 को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.
इसके बाद आवेदिका सिमरन अग्रवाल ने महिला थाना अम्बिकापुर में दिनांक 31.08. 2019 को आरोपी चंकी यादव के खिलाफ बलात्कार कि रिपोर्ट दर्ज कराई. अपराध कमांक 41/2019 धारा 376(2)ढ भादस कायम कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया.
इसके बाद 18.03.2020 को न्यायालय पेश किया गया है. इसी प्रकार आवेदिका ने दिनांक 07.10.2015 को थाना सूरजपुर में आरोपी मनीश सिंह पिता हरविन्दर सिंह निवासी विश्रामपुर के विरूद्ध बलात्कार की रिपोर्ट की गई थी. जिस पर अपराध क्रमांक 371/2015 धारा 376 भादस कायम कर अभियोग पत्र न्यायालय दिनांक 31.12. 2015 को प्रस्तुत किया गया. प्रकरण में न्यायालय ने आरोपी को दोष मुक्त किया.