रायपुर। पढ़ना लिखना अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 15 वर्ष से अधिक उम्र के ढाई लाख और निरीक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है. इस योजना में पढ़ना लिखना और गणितीय कौशल में वृद्धि कर साक्षरता कौशल अर्जित करने के लिए 120 घंटे की पढ़ाई कराई जानी है. पढ़ाने वाले स्वयंसेवी को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. स्कूल कॉलेज के बच्चे एनसीसी एनएसएस स्काउट गाइड सेवानिवृत्त व्यक्ति टीचर मितानिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के व्यक्तियों का इस कार्य में सहयोग लिया जाना है.

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम ने बताया कि इस कार्यक्रम के समन्वय के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा पूरे प्रदेश में और आशाक्षरों व स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हित अर्थात सर्वे का कार्य कर लिया गया है. सर्वे के बाद उसे cgschool.in पोर्टल में अपलोड भी कर लिया गया है. स्वयंसेवी शिक्षकों को को पढ़ाने के लिए विशेष तकनीकी अपनाई जाती है. उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. इसके लिए प्रत्येक जिले में दो-दो रिसोर्स पर्सन वह प्रत्येक ब्लॉक में आनुपातिक रूप से कुशल प्रशिक्षकों का चयन हुआ. उनका ऑनलाइन प्रशिक्षण भी किया जा चुका है.

छत्तीसगढ़ी परिवेश अनुसार बुनियादी साक्षरता प्रवेशिका आखर झापि व स्वयंसेवी शिक्षक मार्गदर्शिका भी तैयार कर जिलों में वितरित कर दी गई है. सभी 24 पाठों का ई प्राय मर भी बनाकर यूट्यूब में अपलोड किया जा रहा है ताकि डिजिटल माध्यम से भी पढ़ाया जा सके. इसी प्रकार प्रत्येक सामग्री केंद्रों में पहुंचाए जाने हेतु उसकी मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष ऐप बनाया जा रहा है जिससे सामग्री का मूल्यांकन किया जा सके. सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण का गठन कर लिया गया है. इसी प्रकार ब्लॉक स्तर ग्राम स्तर और नगरीय निकायों में भी विभिन्न प्रकार की समितियां गठित की जा चुकी हैं.

विभागीय जानकारी के मुताबिक पढ़ना लिखना अभियान के अकादमिक व तकनीकी सहयोग व समर्थन के लिए राज्य स्तर पर एससीईआरटी में स्पेशल सेल राज्य साक्षरता केंद्र अर्थात स्टेट सेंटर फॉर लिटरेसी और जिला जिले के डाइट में डिस्टिक सेंटर फॉर लिटरेसी जिला साक्षरता केंद्र की स्थापना कर ली गई है. केंद्र प्रवर्तित इस योजना में 60% केंद्र सरकार का व 40% राज्य सरकार का होता है. सारी तैयारियां पूर्ण करने के बाद बजट के अभाव में कक्षा प्रारंभ अभी तक नहीं हो पाई है. मार्च महीने में इसका मूल्यांकन एनआईओएस यानी राष्ट्रीय ओपन स्कूल द्वारा किया जाना था. अब यह मूल्यांकन 3 से 4 महीने के पश्चात किए जाने की योजना बनाई जा रही है.

जिला शिक्षा अधिकारियों को जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण का सदस्य सचिव बनाया गया है. जिला परियोजना अधिकारी इसमें समन्वय का कार्य करेंगे. इसी प्रकार विकास खंड स्तर पर विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है. साक्षरता केंद्र किसी भी स्कूल कॉलेज के भवन पंचायत एवं सार्वजनिक भवन में लगाए जा सकते हैं. यह केंद्र किसी के घर में भी लग सकता है. इसके लिए कोई बंधन नहीं है. इसके लिए कोई समय भी निश्चित नहीं है अर्थात शिक्षार्थियों की सुविधा अनुसार यह 2 घंटे कभी भी लगाया जा सकता है. पठन-पाठन सामग्री की व्यवस्था जिला द्वारा की जाएगी.