रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में हुए थप्पड़कांड में नई बात निकलकर सामने आई है. मेडिकल जांच में पता चला है कि घटना के वक्त जेल प्रहरी शत्रुघन उरांव शराब पिया हुआ था. जिसके बाद उसने डॉक्टरों के साथ गाली-गलौच कर मारपीट की घटना को अंजाम दिया. इस कृत्य के बाद मौदहापारा थाने में उसके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, गाली-गलौच, मारपीट और धमकी देने की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा मेकाहारा अस्पताल के पुलिस सहायता केन्द्र में पदस्थ 2 पुलिसकर्मियों के मूक दर्शक बने रहने पर उनके खिलाफ भी जांच की जाएगी.

क्या है मामला ?

यह पूरी घटना सोमवार 22 फरवरी की है. जिस पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उसका नाम शत्रुघन उरांव है, जो कि दंतेवाड़ा जिला जेल में जेल प्रहरी के पद पर पदस्थ है. डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) अस्पताल में कैदी को लेकर उसका एमआरआई कराने पहुंचा था. इसी दौरान इलाज में हो रही लेटलतीफी के चलते जेल प्रहरी गुस्से में आ गया और जांच कब होगा यह पूछने लगा. इतने में ही कुछ देर बाद डाॅक्टरों के साथ गाली-गलौज करने लगा. डॉक्टरों ने जेल प्रहरी से पूछा कि आपका अधिकारी कौन है, उनका फोन नंबर दीजिए. लेकिन नबंर नहीं देते हुए उनसे उलझ गया.

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डॉक्टरों की पिटाई

थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक अस्पताल में विवाद होता देख वहां मौजूद जूनियर डाॅक्टर बीच बचाव करने के लिए आए, तो जेल प्रहरी शत्रुघन उरांव ने 2 डाॅक्टरों के साथ मारपीट की और महिला डाॅक्टर समेत 3 डाॅक्टरों के साथ गाली-गलौज कर अभद्र व्यवहार किया. हालांकि अस्पताल चौकी में उपस्थित 2 पुलिसकर्मियों ने उसे काबू में कर ले गए. जबकि कैदी मरीज जांच के लिए बाद में आया था, उसका एमआरआई जांच क्रमवार होना तय था.

लगाई गई ये धाराएं

डॉक्टरों के द्वारा यह बताने के बाद भी कि जांच में समय लगता है. इसके बावजूद जेल प्रहरी ने शासकीय कार्य में बाधा डालते हुए डाॅक्टरों के साथ मारपीट और गाली गलौज की. आरोपी जेल प्रहरी के खिलाफ मौदहापारा थाने में धारा 186, 294, 353, 506 भादवि और चिकित्सा सेवा हिंसा अधिनियम की धारा 3 के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

घटना के वक्त पिया था शराब

आरोपी जेल प्रहरी शत्रुघन उरांव का मेड़िकल मुलाहिजा कराने पर उसके द्वारा शराब सेवन करना भी पाया गया. जिस पर आरोपी के खिलाफ प्रकरण में अन्य धाराए जोड़ी जोड़कर कार्रवाई की जाएगी.

अन्य दो पुलिसकर्मी भी जांच के दायरे में

घटना के दौरान मेकाहारा पुलिस सहायता केन्द्र में पदस्थ 2 पुलिस कर्मचारी मूक दर्शक बनकर पूरी घटना को देख रहे थे. उनके द्वारा किसी प्रकार का बीच-बचाव नहीं किया गया. इस संबंध में दोनों पुलिस कर्मचारियों की गतिविधियों की भी जांच की जा रही है.

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