सत्यपाल सिंह,रायपुर। आईएमए ने अपने विरोध के दौर में आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के नाम ज्ञापन सौंप कर केंद्र सरकर के फैसले से होने वाले नुकसान से अवगत कराया है. आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार आयुष मंत्रालय के आदेश ने काफी आहत किया है.

आदेश के मुताबिक आयुष पध्दति के चिकित्सों को केवल 2 से 3 साल की ट्रेनिग देकर आधुनिक चिकित्सा की 58 प्रकार की सर्जरी करने की अनुमति दी जा रही है. कोरोना महामारी के इस काल में आधुनिक चिकित्सा ने ही हमारे देश में कोरोना की गति को स्थिर किया है, आपके द्वारा चिकित्सों की प्रशंसा की गई है.

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आईएमए एक संगठन के रूप में आधुनिक और आयुर्वेदिक चिकित्सों के खिलाफ ऩहीं है. हमारा मानना है कि आयुर्वेद हमारे देश में चली आ रही है. एक ये अलग विधा है. इसको मिलाने से लोगों के जान से खिलावाड़ होगा. इसलिए आदेश पर पुन विचार करना चाहिए. आ्धुनिक चिकित्सा को बैसाखी की जरुरत नहीं है, बल्कि आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए शोध की जरूरत है. जिससे आयुर्वेद को और आगे बढ़ाया जा सके.

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