रायपुर.  शिक्षा विभाग की एक कथित डायरी जिसमें छत्तीसगढ़ के मंत्री, उनकी पत्नी और उनके पूर्व पीए समेत कई बड़े-बड़े लोगों के नाम थे. ये कथित घोटाला करीब 366 करोड़ रुपए का बताया गया था.

कथित डायरी में सारे लेन-देन का हिसाब-किताब था. मंत्री उनकी पत्नी, पीए समेत किन-किन लोगों को ये पैसे दिए गए इसका पूरा जिक्र था. इस डायरी की फोटो कॉपी तमाम मीडिया हाउस में भिजवाई गई. जिसके बाद से ये डायरी सियासी उथल-पुथल मचाने लगी. हालांकि इस कथित डायरी के पन्ने जैसे वायरल होने लगे वैसे ही जिस अधिकारी के नाम से डायरी को आधार बनाकर शिकायत की गई थी उन्होंने इसकी शिकायत कर दी, जिससे ये स्पष्ट हो गया कि मामला गड़बड़ है. इस मामले में राखी खाने में एफआईआर भी हुई और अब इस मामले के 48 घंटे के पहले ही रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल की टीम ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है.

क्या कहा एसएसपी ने

रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए पत्रकारों को बताया कि ये
सुनियोजित ढंग से षडयंत्र पूर्वक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों एवं शासन की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से फर्जी शिकायत पत्र तैयार किया गया और इसे प्रचारित एवं प्रसारित भी किया गया. एसएसपी ने बताया कि इस मामले के मुख्य आरोपी ने सेवनिवृत्ति पश्चात संविदा नियुक्ति हेतु आवेदन किया था, जिसे शासन द्वारा स्वीकृत नहीं किया था, इसीलिए उसने ये पूरा षड़यंत्र रचा.

ऐसे रची पूरी साजिश

एसएसपी ने बताया कि प्रार्थी आशुतोष चावरे ने थाना राखी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ इंद्रावती भवन नवा रायपुर में कार्यरत है. कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा प्रार्थी को बदनाम करने की नियत से उसके नाम का फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न गणमान्य एवं अधिकारियों की शिकायत संबंधी पत्र एवं शिक्षा मंत्री के PA की कथित डायरी की प्रति के साथ विभिन्न स्थानों से विगत कुछ दिनों से प्रेषित किये जा रहे है, साथ विभिन्न गणमान्य एवं विभागीय अधिकारियों की छवि खराब की जा रही है. जिस पर थाना राखी में आईपीसी की धारा 419, 469, 120 (बी) 201, 420, 465, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. प्रकरण की संवदेनशीलता और गंभीरता को ध्यान में रखकर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तारकेश्वर पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध अभिषेक माहेश्वरी नगर पलिस अधीक्षक विधानसभा उदयन बेहार, नगर पुलिस अधीक्षक नवा रायपुर नवनीत पाटिल, प्रभारी सायबर सेल  एवं थाना प्रभारी राखी के नेतत्व में टीम का गठन की जांच एवं अज्ञात आरोपियों की पतासाजी के निर्देश दिये.

घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ करते हुए अज्ञात आरोपियों द्वारा प्रार्थी के नाम से प्रेषित शिकायत पत्र को एकत्र कर अवलोकन किया गया. अवलोकन पर यह प्रतीत हुआ कि उक्त घटना कारित करन में निश्चित रूप से किसी विभागीय व्यक्ति की संलिप्तता रहीं होगी.

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए एक टीम स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रेषित शिकायत पत्र की जांच हेतु पोस्ट ऑफिस में संपर्क करते हुए जिस दिनांक समय को जिस पोस्ट ऑफिस से वह पत्र स्पीड पोस्ट किया गया था, वहां तक पहुंची जिसमें पोस्ट ऑफिस के सी.सी.सी.टी.व्ही. फुटेज में एक व्यक्ति दिखाई दिया. जिसकी पहचान कपिल कुमार देवदास के रूप में की गई. साथ ही उसके संबंध में तकनीकी विश्लेषण किया गया जिस पर कपिल द्वारा अपने मोबाईल फोन से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर से संपर्क करना पाया गया. इसी समय इन्ट्रोगेशन टीम द्वारा शिक्षा विभाग के स्टॉफ अजय सोनी से पूछताछ की जा रही थी. जिसने उक्त शिकायत की साथ लगे कथित डायरी की लिखावट को अपनी होने से इनकार किया गया एवं किसके द्वारा लिखा गया है जानने से इंकार करते हुए उसके तथ्यों को काल्पनिक व निराधार बताया साथ ही इस कृत्य को अंजाम देने में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर पर संदेह व्यक्त किया.

उक्त दोनों कड़ियां आपस में जुड़ने से पुलिस टीम का संदेह गेंदाराम चन्द्राकर पर पुख्ता हो गया किंतु इसी समय कपिल कुमार का मोबाईल फोन बंद हो गया. तत्पश्चात् पुलिस टीम द्वारा गेंदाराम चन्द्राकर की पतासाजी कर पकड़ा गया. टीम के सदस्यों द्वारा पूछताछ करने गेंदाराम चन्द्राकर द्वारा अपने अन्य दो साथी कपिल कुमार एवं संजय कुमार सिंह के साथ मिलकर इस पूरे घटना क्रम को अंजाम देना बताया गया. जिस पर घटना में संलिप्त कपिल कुमार एवं संजय सिंह ठाकुर को भी पकड़ा गया. तीनों आरोपियों से पूछताछ में निम्नलिखित तथ्य सामने आएं सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर की सेवा निवृत्ति जनवरी – 2021 में

हुई. गेंदाराम चन्द्राकर संविदा पद पर नियुक्ति चाह रहा था. इस हेतु उसने कई तरह के प्रयास किये किंतु वह सफल नहीं हो पाया और वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा की नियुक्ति उस पद पर हो गई. अपनी संविदा नियुक्ति की फाईल रूकवाने के पीछे वह  ए.एन.बंजारा, संयुक्त संचालक  के.सी.काबरा, तत्कालीन ओ. एस.डी. आर.एन. सिंह, ए.बी.ई.ओ. प्रदीप शर्मा व निज सचिव अजय सोनी की मिली भगत को जिम्मेदार मानता था.

इन्हीं सब कारणों से उक्त समस्त व्यक्तियों को सबक सिखाने के उद्देश्य से गेंदाराम चन्द्राकर ने अपने मित्र संजय सिंह के माध्यम से शिक्षा विभाग में ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम पर लेन – देन की मनगढ़त कहानी बनाकर शिकायत करने की योजना बनायी. इसके लिए गेंदाराम चन्द्राकर ने वर्ष 2019 से लेकर अब तक जितने ट्रांसफर व पोस्टिंग हुई की आदेश प्रति निकाली और अपने घर के पास निर्माणाधीन बिल्डिंग में एक चौकीदार भुवनेश्वर साहू को दो डायरी खरीदकर दी एवं उसमें आदेश प्रति को लिखने बोला.

साथ ही किसको कितने रूपए का काल्पनिक लेन – देन हुआ है यह भी चौकीदार को लिख कर दिया था. शिकायत पत्र को टाईप कराने हेतु संजय सिंह ठाकुर ने अपने होम्योपैथिक मेडिकल कालेज रामकुण्ड ऑफिस में कार्य करने वाले कपिल कुमार से गेंदाराम चन्द्राकर की मुलाकात करायी. पूरी शिकायत को गेंदाराम चन्द्राकर द्वारा अपने हाथ से लिखकर कपिल कुमार को आशुतोष चावरे के नाम से शिकायत टाईप करने हेतु दिया गया था एवं उप संचालक लोक शिक्षण के नाम से सील (रबर) कपिल को तैयार कर देने बोला था.

कपिल कुमार द्वारा सील तैयार कर दिया गया एवं शिकायत टाईप कर पोस्ट ऑफिस में पोस्ट किया गया था. इस हेतु कपिल को 2,5008- रूपये गेंदाराम चन्द्राकर ने दिया गया था. शिकायत की कई प्रतियां अलग – अलग न्यूज एजेंसी, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के राजनैतिक व्यक्तियों एवं स्थानीय नेताओं एवं अधिकारियों को पोस्ट किया गया तथा एक प्रति गेंदाराम चन्द्राकर ने अपने पास रखीं. बची हुई शेष प्रतियों को संजय सिंह के पास भिजवा दिया.

दोनों डायरियों को गेंदाराम चन्द्राकर के द्वारा जला कर नष्ट कर दिया गया एवं रबर सील व ट्रांसफर व पोस्टिंग आर्डर के रफ वर्क को भी नष्ट कर दिया.  संजय सिंह ठाकुर ने अपने पास शिकायत नस्ती की एक प्रति रखकर शेष को अपने साथी खमतराई निवासी के पास भेजकर उसे जलवा दिया. समाचार पत्रों के माध्यम से शिकायत पत्र का मामला उजागर होने पर कपिल ने संजय सिंह को फोन कर अपना डर जाहिर किया जिस पर संजय सिंह द्वारा कपिल को अपने पास बुलाकर उसका मोबाईल बंद कराकर अपने परिचित के घर सेल टेक्स कालोनी में छिपा दिया.

पुलिस टीम द्वारा कपिल कुमार को गिरफ्तार के दौरान उसके पाकेट में एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उसने उक्त घटना की संपूर्ण जानकारी का उल्लेख किया था तथा पत्र को पुलिस को पोस्ट करने वाला था परंतु इसके पूर्व ही कपिल कुमार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. इस प्रकार तीनों आरोपियों के द्वारा सुनियोजित ढंग से षडयंत्र पूर्वक शासन की छवि धुमिल करने के उद्देश्य से फर्जी शिकायत पत्र तैयार कर एवं फर्जी हस्ताक्षर कर प्रचारित एवं प्रसारित किया गया था. साथ ही सबूतों को नष्ट करने का प्रयास भी किया गया जिस पर से प्रकरण में आरोपियों के विरूद्ध पृथक से धारा 120बी, 201 भादवि. भी जोड़ी गई है.

विवेचना के दौरान तीनों आरोपियों से अपराध के लिए प्रयुक्त कम्प्यूटर सिस्टम, पेन ड्राईव, कपिल द्वारा लिखा गया पत्र, शिकायत पत्रों की बची हुई नस्तियां एवं आरोपियों के मोबाईल फोन जप्त किये गये है.

ये है आरोपियों की पूरी जानकारी

1. गेंदाराम चन्द्राकर पिता स्व. अर्जुन लाल चन्द्राकर उम्र 64 साल निवासी भड़हा थाना खरोरा हाल पता – दानी स्कुल कैम्पस कालीबाड़ी चौक थाना कोतवाली रायपुर.
2. संजय सिंह ठाकुर पिता स्व. नरेन्द्र बहादुर सिंह उम्र 51 साल निवासी देवेन्द्र
नगर सेक्टर 04 थाना देवेन्द्र नगर रायपुर.
3. कपिल कुमार देवदास पिता कृष्णा देवदास उम्र 30 साल निवासी गायत्री मंदिर के पास
टाटीबंध थाना आमानाका रायपुर.