रायपुर। बेरोजगारी दर को लेकर प्रदेश में सियासत उफान पर है. मंत्री रविंद्र चौबे और शिव डहरिया की प्रेस कांफ्रेंस पर पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह ने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर यह आंकड़े झूठे हैं, यह दावा किताबी है. इसके साथ ही बेरोजगारी दर को लेकर उन्होंने सीएमआई की रिपोर्ट का अध्ययन करने की बात कही है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुझे रविंद्र चौबे की बुद्धि पर तरस आता है, उन्होंने कहा है कि बीजेपी सरकार में बेरोजगारी दर 22 फीसदी थी. कम से कम चौबे जी ये यह अपेक्षा नहीं थी. सीएमआई की रिपोर्ट देखे और उसका अध्ययन करें. बेरोजगारी दर पर यह संस्था आंकड़ें जारी करती है.

डाॅ. रमन सिंह ने बीजेपी-कांग्रेस सरकार के आंकड़ें जारी करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान जनवरी 2016, 2017 और 2018 और कांग्रेस सरकार के जनवरी 2019, 2020 और 2021 के आंकड़े देख लें. जनवरी 2016 में बेरोजगारी दर 3.47 था, 2017 में 4.1 और जनवरी 2018 में 2.6 था. जबकि कांग्रेस सरकार के जनवरी 2019 में 7.9 फीसदी था, जनवरी 2020 में 3.7 और जनवरी 2021 में 6.4 फीसदी रहा है.

रमन सिंह ने कहा कि इन आंकड़ों के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि राज्य के बेरोजगारों को ठगा जा रहा है. पांच लाख नौकरी की सूची देखकर कहता हूं कि तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर यह दावा झूठे हैं, यह दावा किताबी है. कांग्रेस लगातार झूठ बोल रही है. पहले कहा कि दस लाख लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात हमने कहीं नहीं की. यानी कांग्रेस पूरी तरह से अपने वादे से मुकर गई है. कांग्रेस को अपने घोषणा पत्र के वादों पर अक्षरशः काम करने की जरूरत है.