सरगुजा। छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल लाने वाले विधायक जी एक बार फिर से अपने बिगड़े बोल के कारण सुर्खियों में आ गए हैं. अपने बयान के कारण आदिवासी समाज के निशाने पर हैं. रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह जिन आदिवासियों के वोट से छत्तीसगढ़ विधानसभा में कदम रख रहे हैं. उन्हीं आदिवासी लोगों को अंगूठा छाप कह कर संबोधित कर रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि खुद विधायक जी आदिवासी कोटे से विधायक हैं. आदिवासी समाज से आते हैं, उनसे वोट लेकर विधायक बने हैं, जिन्होंने कुर्सी दिलाई, उन्हीं को अपने पैरों की धूल समझ रहे हैं.
दरअसल, विधायक जी पत्रकारों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि आप पत्रकार हैं, बुध्दजीवी हैं. हमारे सरगुजा के अंगूठा छाप आदिवासियों की तरह प्रश्न पूछना उचित नहीं समझता हूं, जो भी हमारे साथ घटना घटित हुई, आप लोगों ने थाने में भी कवरेज किया, बिलासपुर में भी कवरेज किया. यहां भी कवरेज कर रहे हैं. रायपुर में भी पत्रकारों ने कवरेज किया. मैंने क्या कहा सदन में और महराज टीएस सिंहदेव ने क्या कहा सदन में और सरकार ने क्या कहा सदन में सबने सुना. अगर नहीं सुना तो रिकॉर्डिंग मंगवा सकते हैं.
रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह और टीएस सिंहदेव विवाद मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि फिर से बृहस्पत सिंह ने आदिवासियों के खिलाफ विवादित बयान दे दिया. पत्रकारों को अंगूठा छाप आदिवासियों की तरह सवाल पूछना बताया है. बृहस्पति सिंह ने सर्किट हाउस में पत्रकारों को कहा कि आदिवासी टाइप सवाल मत पूछिए.
देखिए वीडियो-
बता दें कि बीते दिनों छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और बृहस्पत सिंह विवाद मामला सुर्खियों में रहा. बृहस्पत सिंह ने कहा था कि वो महाराजा हैं, मेरी हत्या करा सकते हैं. हत्या कराने से अगर सिंहदेव मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो उन्हें ये पद मुबारक़ हो. मंत्री सिंहदेव कांग्रेस विधायकों का अपमान करते हैं. उन्होंने कहा था कि ऐसे मंत्री को पद पर रहने का अधिकार नहीं है. हालांकि विधायक की बैठक के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव और विधायक बृहस्पत सिंह एक साथ नजर आए थे.
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन टीएस सिंहदेव विधानसभा में अपनी बात कहकर बाहर निकल गए थे. इसके बाद 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. इसके बाद शुरू हुई कार्यवाही के बाद बृहस्पति सिंह मामले में विपक्षी सदस्यों ने सदन की कमेटी बनाकर जांच की मांग की और विपक्षी सदस्य गर्भगृह उतरे.
इसी बीच सदन में हंगामा जारी रहा और फिर भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. सिंह देव ने सदन में कहा था कि –
मैं भी एक इंसान हूं मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं. शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है. मैं नहीं समझता हूं कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता.
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