वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। बिलासपुर के पांच शासकीय उचित मूल्य दुकानों में 54.28 लाख रुपये के चावल, शक्कर और नमक की हेरा-फेरी उजागर होने पर खाद्य विभाग ने NSUI के पूर्व जिलाध्यक्ष अमितेश राय, पार्षद पति जुगल किशोर गोयल सहित 16 लोगों को नोटिस जारी किया है। ये सभी शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालित करने वाली समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक या फिर विक्रेता के पदों पर हैं। खाद्य नियंत्रक ने नोटिस के जरिए उन्हें चेतावनी दी है कि खाद्यान्न नहीं लौटाने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

बता दें, कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राशन दुकानों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। इसमें कांग्रेस नेताओं व उनके रिश्तेदारों ने उचित मूल्य की दुकानों में राशन की गड़बड़ी की बात सामने आई है, जांच में खाद्यान्न कम मिलने के बाद इन दुकानों का लाइसेंस भी निरस्त कर उनके खिलाफ रिकवरी की तैयारी चल रही है। अमितेश राय द्वारा वार्ड 42 में खैर माता खाद्य सुरक्षा पोषण सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा था। 23 सितंबर 2024 को जांच में इस दुकान में 295.49 क्विंटल चावल, 2.60 क्विंटल शक्कर, 3.35 क्विंटल नमक कम मिला। दुकान को निलंबित कर दूसरे दुकान में अटैच करने पर हस्तांतरण के दौरान 285.48 क्विंटल चावल कम मिला। सत्यापन में भी उतना ही चावल कम मिला, जिसकी कीमत 11 लाख 98 हजार 20 रुपये है। 7 मई को दुकान के विक्रेता व अध्यक्ष अमितेश के साथ ही सचिव रामकुमार कश्यप को नोटिस दिया गया। वहीं एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई। जिसके बाद अब फिर से नोटिस भेजा गया है। वहीं वार्ड 38 टिकरापारा में संचालित जय मातादी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में 9 मार्च 2022 में जांच में खाद्यान्न की कमी पाई गई। जिस पर दुकान को निलंबित किया गया।
भौतिक सत्यापन करने पर 191.40 क्विंटल चावल और 0.62 क्विंटल शक्कर कम मिला। इसकी कीमत 8 लाख 5 हजार 939 रुपये है। 7 मई को दुकान की संचालन समिति के अध्यक्ष शरद केशरी, प्रबंधक जुगल किशोर गोयल और विक्रेता मुकुल चौहान को नोटिस दिया गया। उन्हें गबन किए गए खाद्यान्न की पूर्ति करने कहा गया।
इसी तरह नेहरू नगर में संचालित मां अन्नपूर्णा शासकीय उचित मूल्य दुकान के अध्यक्ष गीतांजली यादव, सचिव कमल रजक व विक्रेता रविंद्र यादव को नोटिस दिया गया। जांच में इस दुकान में 182.32 क्विंटल चावल, 1.18 क्विंटल नमक कम मिला।जिसकी कीमत 7 लाख 66 हजार 288 रुपये है। इन मामलों में सभी को नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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