सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में हस्तशिल्प विकास बोर्ड हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा इन दिनों गरम है. इसके पहले करप्शन की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी थी, जिसके बाद जांच तेज की गई. जांच रिपोर्ट मंत्री गुरू रुद्र को सौंप दी गई है, लेकिन कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. लाखों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन विभाग मामले को हल्के में लेता दिख रहा है.

दरअसल, वस्तु उत्पाद को डिजिटल करने के नाम पर 30 लाख के भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ था. जिसके लिए जां टीम गठित की गई थी, जांच टीम ने मंत्री को रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन विभाग एक्शन मोड में नजर नहीं आ रहा है. जिम्मेदार गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक फोटोशूट हस्तशिल्प विकास बोर्ड ने कराया है. अपने हस्तशिल्प विभाग के अलावा हथकरघा विभाग में भी फोटोशूट कराया है, लेकिन हथकरघा विभाग को इस बात की जानकारी ही नहीं है. एक ही नंबर के बिल से कई बार फोटोशूट के नाम से पैसे का आहरण हुआ है, जिससे साफ है कि फोटोशूट के नाम पर 2000000 रुपए से ज्यादा का भ्रष्टाचार हुआ है. साथ ही इसमें जीएसटी चोरी का मामला भी बनता दिख रहा है.

दरअसल यह लोग अपने विभाग में फोटोशूट कराने के नाम पर लाखों रुपए निकाले. साथ ही हथकरघा विभाग में भी फोटोशूट कराने के नाम पर पैसा निकाल लिए, जबकि उस विभाग के अधिकारियों को आश्चर्यजनक रूप से फोटोशूट की जानकारी ही नहीं है. मतलब साफ है कि फोटो शूट हुआ ही नहीं और लाखों रुपए डकार लिए गए हैं.

मंत्री गुरू रुद्र ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, संज्ञान में आते ही जांच के निर्देश दिए गए थे. जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट को पीएस को मार्क कर नियमानुसार आगे कार्रवाई की जाएगी. किन-किन लोगों पर कार्रवाई होगी, वो भविष्य में पता चल जाएगा.

गौरतलब है कि ऑनलाइन समाग्री बेचने के लिए समाग्रियों का फोटो शूट करने के नाम पर विभाग से लाखों रुपये निकाल लिया गया है, लेकिन फोटोशूट नहीं हो सका. फोटशूट के नाम पर राशि का आहरण कर लिया गया है. इसको लेकर जांच कमेटी बैठाई गई थी. जांच के बाद कमेटी ने रिपोर्ट मंत्री को सौप दी है, लेकिन कार्रवाई होती नहीं दिख रही है.

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