मनोज यादव, कोरबा। जिले में पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। सोमवार को एक बड़ा हादसा उस वक्त टल गया जब हरदी बाजार से अपने गांव भेलवाडोंगरी लौट रहे युवक की बाइक लीलागर नदी के तेज बहाव में बह गई। हालांकि युवक किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल आया।

घटना ग्राम नेवसा के पास की है, जहां लीलागर नदी पर बना पुराना पुल बारिश के चलते जलमग्न हो गया। पानी का बहाव पुल से करीब तीन फीट ऊपर था, लेकिन इसके बावजूद 20 वर्षीय शंकर सिंह गोंड, जो हरदी बाजार से अपने गांव लौट रहा था, बाइक से नदी पार करने की कोशिश करने लगा। बीच पुल पर आते ही वह तेज धार में फंस गया। स्थानीय लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव कर युवक को बाहर निकाला, लेकिन उसकी हीरो मोटरसाइकिल बहकर नदी में समा गई।

इस घटना ने लीलागर नदी पर अधूरे पुल निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। जानकारी के अनुसार, पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा एक करोड़ पचहत्तर हजार रुपये की लागत से लीलागर नदी पर पुल का निर्माण 60 मीटर कराया जा रहा है, जो कि लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। पुल अभी भी आधा-अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि बारिश होने से पुराने पुल में पानी का बहाव बढ़ जाता है, बावजूद इसके ठेकेदार लापरवाहीपूर्वक मनमाने ढंग से नए पुल के निर्माण में लेटलतीफी कर रहा है।

यह मार्ग बिलासपुर-सिपत को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है, जिससे प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है। साथ ही आसपास के गांवों के स्कूली और कॉलेज छात्र भी इसी रास्ते से पढ़ाई के लिए आवाजाही करते हैं। बारिश के दिनों में यह पुल जानलेवा बन जाता है, जहां लोग एक-दूसरे के सहारे पार करते हैं।