अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार. रूस और यूक्रेन के बीच छिडे़ जंग के दौरान हो रही बमबारी के धमाकों और बजते सायरन से डाक्टर की पढाई करने गए छात्र-छात्राएं दहशतजदा है. जिले से अभी तक पांच छात्र-छात्राओं के वहां होने की जानकारी मिल रही है. आज एक छात्र की गोलीबारी के दौरान हुई मौत के बाद परिजन ज्यादा चिंतित हो गए हैं.

मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जल्द से जल्द बच्चों को वापस लाने की मांग कर रहे है. बलौदाबाजार की छात्रा पूर्वी नेताम के पिता दिलीप नेताम ने कहा कि हालात बहुत खराब है. एक लड़का खाने का सामान लेने जा रहा था कि गोलीबारी का शिकार हो गया. बच्चे भूखे हैं, पानी नहीं मिल रहा है, जो चिंता का विषय है. सरकार प्रयास कर रही है, वह पर्याप्त नहीं है. शासन को चाहिए कि बड़ा विमान भेजे, जिससे एक साथ चार से पांच हजार बच्चे आ सके. वहीं मीडिया के सामने ही उन्होंने पूर्वी नेताम से मोबाईल पर बात करनी चाही तो पहले तो उसने इंकार किया, पर माता-पिता को ढांढस बताने कहा कि सब ठीक है और जल्द वापस आ जाएगी, पर माता-पिता चिंतित है.

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इसी तरह मुस्कान धुव, जो कि प्रथम वर्ष की पढाई करने 19 फरवरी को ही गई थी. वहां जाकर युद्ध की विभिषिका के बीच भूखे-प्यासे अपने वतन लौटने की बाट जोह रहे है. इसी प्रकार भाटापारा बिलाईगढ़ व सुहेला से भी छात्र है जो वहां फंसे हैं. फिलहाल पालक भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि सभी बच्चे सुरक्षित अपने देश वापस लौट आए.