कोंडागांव। जनपद पंचायत कोंडागांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत पुसावंड में शुक्रवार को आयोजित ग्राम सभा उस समय हंगामे की भेंट चढ़ गई जब ग्राम सचिव शराब के नशे में सभा में पहुंचे. जब उनसे विकास कार्यों का लेखा-जोखा व प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने जवाब देने के बजाय बहस शुरू कर दी. सचिव ने लापरवाही भरे अंदाज में यहां तक कह दिया – “मैं पीकर आया हूँ तो मेरा क्या होगा? ज्यादा से ज्यादा मुझे यहां से हटा दिया जाएगा.”

सचिव की इस टिप्पणी ने ग्रामीणों का गुस्सा भड़का दिया और सभा में जमकर हंगामा हो गया. ग्राम सभा के नोडल अधिकारी रामूराम सिंहा और ग्राम पंचायत की सरपंच ने सचिव के इस आचरण की कड़ी निंदा की. सरपंच ने कहा कि सचिव का यह व्यवहार अत्यंत गंभीर और गैर-जिम्मेदाराना है, जिसने ग्राम सभा की गरिमा को ठेस पहुँचाई है. हालात बिगड़ने पर नोडल अधिकारी और सरपंच ने बैठक को तत्काल निरस्त करने का निर्णय लिया.

ग्रामीणों में नाराजगी

ग्राम सभा निरस्त होने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. उनका कहना है कि ग्राम सभा गांव की सर्वोच्च संस्था है, जहां विकास कार्यों की समीक्षा और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होती है. ऐसे में सचिव का शराब के नशे में उपस्थित होना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था का भी अपमान है.

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि संबंधित सचिव पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.