भिलाई। प्रख्यात खनन अधिवक्ता व भिलाई स्टील प्लांट के खनन मामले के कानूनी सलाहकार विनोद चावड़ा का निधन हो गया है. NH MMI अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था. अंतिम यात्रा कल 10 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे उनके निवास स्थान-पदनाभपुर, दुर्ग से शिवनाथ नदी मुक्तिधाम दुर्ग के लिए निकलेगी. वे दीपक चावड़ा और भरत चावड़ा के बड़े भाई थे.

वकील चावड़ा के खुलासे के कारण ही रावघाट लौह अयस्क निजी कंपनियों को नहीं दिया गया. सरकार ने फैसला कर लिया था कि रावघाट से आयरन ओर बीएसपी के अलावा प्राइवेट कंपनियों को भी दिया जाएगा. रावघाट पहले पूरा बीएसपी को मिलने वाला था. 1990 के बाद प्राइवेट को हिस्सा देने का फैसला हुआ.

बीएसपी से एनओसी भी लिखवा ली गई थी. वर्ष 2002 में जोगी सरकार में पूरी तैयारी हो गई थी. चावड़ा ने जरूरी दस्तावेज इकट्‌ठा हुए और उन्होंने खुलासा कर दिया कि कैसे सांठगांठ करके रावघाट का आयरन ओर बीएसपी के अलावा प्राइवेट कंपनियों को देने की तैयारी है. इस पूरे प्रकरण का खुलासा 2004 में हुआ.

बता दें कि विनोद चावड़ा रावघाट को बचाने वाले वकील थे. BSP का हक मार सरकार आयरन ओर प्राइवेट कंपनियों को देने जा रही थी, तब चावड़ा के खुलासे के बाद भूपेश बघेल ने आंदोलन किया था. भूपेश के आंदोलन के बाद तत्कालीन रमन सरकार ने  फैसला रद्द किया था.

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