रायपुर। छत्तीसगढ़ में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्यों और विशेष शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया. आदिम जाति विकास विभाग के संचालक शम्मी आबिदी ने कहा कि एकलव्य स्कूलों में ज्ञान अर्जन एक सतत् प्रक्रिया है. व्यक्ति जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है. अपने ज्ञान में वृद्धि करता है.

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प्रशिक्षण सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को पढ़ाना और उनका बेहतर भविष्य बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य है. उन्होंने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के प्राचार्य और विषय शिक्षक बखूबी निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण सत्र का पूरा लाभ उठाएं.  अपनी शंकाओं को लेकर विषय विशेषज्ञों को अवगत कराएं.

प्रशिक्षण का यह है उदेश्य

ठाकुर प्यारेलाल राज्य ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्राचार्य और विषय शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम 9 मार्च से जारी है. इसका समापन 25 मार्च को होगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना. उनमें पेशेवर क्षमतावर्धन करना है.

बेहतर समझ का विकास होगा

गौरतलब है कि सीबीएसई पैटर्न के आधार शिक्षण संबंधी अभी तक कोई भी प्रशिक्षण शिक्षकों को नहीं दिया गया है. इस प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें सीबीएसई बोर्ड के आधार पर शिक्षक तकनीक की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा हैं. शम्मी आबिदी ने कहा कि इससे विषय की बेहतर समझ का विकास होगा, जिससे वे विद्यार्थियों को बहुत ही सरल माध्यम से विषय संबंधी ज्ञान दे सकेंगे.

प्रदेश में इतने हैं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के कक्षा 6वीं से 12वीं तक संचालित किए जा रहे हैं. इन विद्यालय में वर्ष 2018-19 से सीबीएसई के पाठ्यक्रम के अनुसार अध्यापन कराया जा रहा है. प्रदेश में वर्तमान में 71 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं. इनमें 10 कन्या, 6 बालक और 55 संयुक्त विद्यालय हैं. कक्षा 6वीं से 12वीं तक 60 सीटर प्रति कक्षा के मान से प्रत्येक विद्यालय में 420 बच्चों को प्रवेश देने का प्रावधान है.