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मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय ने सिविल जज ग्रेड-2 प्रवेश भर्ती परीक्षा 2019 में छत्तीसगढ़ की बेटी प्रिया राठी ने पहले प्रयास में टॉप किया है. उन्हें 277.33 माकर्स मिले है. 25 साल की प्रिया राठी तिल्दा नेवरा की रहने वाली है. उनके पिता राजकुमार राठी बिजनेसमेन है और मां सरिता हाउस वाइफ है.
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प्रिया राठी ने 2019 में हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद छत्तीसगढ़ में सिविल जज परीक्षा दी थी पर प्री में ही उनका सलेक्शन नहीं हो पाया, उसके बाद ही वे इंदौर के कोचिंग लिए चली गई. जहां उनका पहले प्रयास में सिविल जज परीक्षा में टॉप किया. इस बीच कोविड के कारण प्रिया की पढ़ाई बाधित भी हुई थी. पर उन्होने कभी हार नहीं मानी.
“तेज फरार्टेदार बोलने की वजह से पापा ने कहा वकालत चुनो”
प्रिया बचपन से ही तेज और वाजिब बात किया करता थी जिसके बाद से पापा (राजकुमार राठी) ने सलाह दी की वकातल चुनों और लोगो को न्याय दिलाओ. 10वीं कक्षा में भी हिस्ट्री की किताब में आंखों पर काली पट्टी बंधी मूर्ति को देख टीचर से सवाल जबाव किया करती थी. तब से सोच ली थी कि सिविल जज बनना है.
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इंटरव्यू के ठीक पहले दादी का हुआ था देहांत
लल्लूराम डॉट कॉम से खास बातचीत में प्रिया बताती है कि जैसे ही मेंस का रिजल्ट आया उनकी दादी का अचानक देहांत हो गया, जाते-जाते दादी ने प्रिया से कहा था “मेरे जीवन की असली पूंजी तो तू है, तू जरुर जज बनेगी” प्रिया ने अपना हौंसला नहीं खोया और वो इंटरव्यू देने गई. आखिरकार दादी का सपना पूरा हुआ.
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बेटा न होने पर मां को था अफसोस
प्रिया की मां (सरिता) को बेटा न होने पर हमेशा से अफसोस रहा, प्रिया ने अपनी मां की शिकायत दूर करने की ठानी, और इसमें पापा ने पूरा सपोर्ट किया आज सिविल जज बनते ही मां की सारी शिकायत दूर हो गई. आज मां बेटी की इस सफलता से इतनी खुश है कि उन्होंने बेटी को गले लगाया अपनी उन बातों को याद कर खूब रोया जिसमें वे कभी-कभी बेटा न होने की बात कहा करती थी.
कोविड के समय पढ़ती थी 8 से 10 घंटे
परीक्षा की तैयारी के समय बीच में कोविड आ गया, इस बीच अपनी पढ़ाई को निरंतर बनाए रखने के लिए 8 से 10 घंटे की पढ़ाई किया करती थी. इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करने के कारण प्रिया की हिंदी थोड़ी वीक थी जिसके कारण सबसे ज्यादा मेहनत हिंदी में करनी पड़ी.
Tuberculor Lymphedenitis से पीड़ित थी प्रिया राठी
कॉलेज के दौरान प्रिया Tuberculor Lymphedenitis से पीड़ित थी, इसमें उन्हें काफी ज्यादा फीवर हुआ करता था, खूब दवाइयां लेनी पड़ती थी पर फिर भी पढ़ाई को important दिया.
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