रायपुर. मुख्यमंत्री द्वारा 5 सितम्बर को बालवाड़ी के संचालन का शुभारंभ किया गया था. प्रदेश में 5173 बालवाड़ी का संचालन किया जा रहा है. बालवाड़ी के संचालन की राज्य स्तर पर समीक्षा की गई, जिसमें जिलेवार बालवाड़ी के संचालन की स्थिति पर व्यापक चर्चा हुई. संचालित बालवाड़ी मे 33990 बच्चों को प्रवेश दिया जा चुका है. राज्य शासन द्वारा बालवाड़ी के संचालन हेतु शिक्षकों को चिन्हांकित किया गया है. एससीईआरटी द्वारा बालवाड़ी के लिए पाठ्यचर्या और लर्निंग आउटकम्स का निर्माण कर लिया गया है. पाठ्यचर्या में स्थानीय विशेषताओं को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. पाठ्यचर्या और लर्निंग आउटकम के आधार पर शिक्षकों के लिए गतिविधि पुस्तिका का निर्माण किया जा चुका है. चिन्हांकित शिक्षकों को बालवाड़ी में अध्यापन के लिए 500 रुपये मासिक मानदेय देने का भी प्रावधान किया गया है.

इस समीक्षा बैठक में राज्य स्तर से स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव और संचालक एससीईआरटी राजेश सिंह राणा, समग्र शिक्षा के प्रबंधन संचालक नरेंद्र कुमार दुग्गा, राज्य योजना आयोग की सलाहकार मिताक्षरा कुमारी और एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक योगेश शिवहरे विशेष रूप से उपस्थित रहे. बैठक में प्रदेश के 28 जिलों के DMCs एंव APCs ने सहभागिता की.

वहीं राज्य स्तर पर प्रशिक्षण की स्थिति की गहन समीक्षा की गई. जिसके आधार पर आवश्यक सुधार और आगामी रणनीति तय की जाएगी. राज्य श्रोत समूह के प्रशिक्षण में प्रत्येक जिले से 4 SRGs का चयन किया गया, जिसमें से 2 SRGs शिक्षा विभाग से तथा 2 SRGs महिला एंव बाल बिकास विभाग से चयनित किए गए. जिला स्तर पर प्रत्येक ब्लॉक से 4 BRGs का जिसमें 2 शिक्षा विभाग से तथा 2 महिला बाल विकास से चयन किया गया. SRGs और BRGs का तीन दिवसीय प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया गया. प्रशिक्षित BRGs में जिला एवं विकास खंड स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया.

राज्य स्तरीय बैठक की चर्चा में उपस्थित सभी पदाधिकारी

जिला मिशन समन्वयकों के द्वारा जानकारी दी गई कि जिलों में बालवाड़ी का सुचारु संचालन किया जा रहा है. जिले के जिलाधीश बालवाड़ी के संचालन के लिए नियमित समीक्षा बैठक कर निरंतर सुधार औऱ मार्गदर्शन कर रहे हैं. आदर्श बालवाड़ी केंद्रों की स्थापना के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.

राज्य स्तर से जिला स्तरीय संचालन समिति के नियमित बैठक के निर्देश दिए गए तथा बालवाड़ी के संचालन में आ रही समस्त कठिनाइयों का त्वरित निराकृत करने के निर्देश भी दिए गए. बैठक मे सहयोगी एनजीओ अजीम प्रेम जी फाउंडेशन, आव्हावान ट्रस्ट व रूम टू रीड के सदस्य उपस्थित थे. सदस्यों द्वारा समुदाय के सहयोग हेतु प्रशिक्षण तथा जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने के भी सुझाव दिए गए. बैठक में ,यूनिसेफ की गार्गी परदेशी समग्र शिक्षा के भूपेश फाये तथा परिषद के सुनील मिश्रा उपस्थित रहे.